औरंगाबाद(AURANGABAD):केंद्र सरकार की विकसित भारत संकल्प यात्रा रथ के रथी बनकर बीजेपी एमएलसी दिलीप सिंह औरंगाबाद के देव प्रखंड के पूर्वी केताकी पंचायत के भटकुर गांव पहुंचे. जहां पेंशन नहीं मिलने से नाराज एक ग्रामीण महिला ने उन्हें जमकर खरी खोटी सुनाई. बाद में महिला ने एमएलसी को साग-भात खाने अपने घर पर आने का न्यौता भी दिया. दिलीप सिंह ने भी आमंत्रण को सहर्ष स्वीकार करते हुए महिला को उसके घर आकर साग-बात खाने का भरोसा दिलाया.
वृद्धा पेंशन योजना का लाभ पाने के इरादें से पहुंची थी महिला
जानकारी के मुताबिक पूर्वी केताकी पंचायत के गंजोइ टोले शबरीनगर निवासी बृहस्पति देवी विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम में वृद्धा पेंशन योजना का लाभ पाने के इरादें से पहुंची थी, इनको पति की मौत के बाद पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा था. इस वजह से वह पहले से ही काफी नाराज थी. रही सही कसर कार्यक्रम में प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के नही पहुंचने से पूरी हो गई और महिला का पेंशन से संबंधित काम नही हो सका. इसे लेकर महिला कुछ ज्यादा ही भड़क उठी, यही वजह रही कि जब मौके पर मौजूद बीजेपी एमएलसी दिलीप कुमार सिंह ने महिला से बात करनी चाही तो वह अन जाने में उन पर भी भड़क उठी, और खरी खोटी सुना दी.
एमएलसी ने करीब पांच मिनट तक महिला से बात की
इसके बावजूद एमएलसी ने करीब पांच मिनट तक महिला से बात की, उसकी समस्याओ को एक ग्रामीण के अंदाज में गौर से सुना. इसके बाद उन्होने कहा कि जिन अधिकारियों को यह सब कार्य करना है, वें अधिकारी गायब है. सरकार और जिला प्रशासन के अधिकारियों की लापरवाही के कारण ग्रामीणों को भटकना पड़ रहा है, उन्होने वहां मौजूद सरकारी कर्मियों तथा कार्यकर्ताओ को कहा कि महिला का कार्य दस दिनों के अंदर हो जाना चाहिए, अन्यथा संबंधित अधिकारियों के खिलाफ मामला सदन तक उठाया जाएगा.इन बातों को सुनने पर जब महिला को यह पता चला कि उनके सामने खड़े व्यक्ति विधान पार्षद है तो महिला ने भड़कने के बजाय उनसे हंसते हुए बात की और विधान पार्षद सिंह को अपने घर पर चना का साग और भात खाने के लिए आमंत्रित किया.
काम नहीं होने से लोगों को निराशा हाथ लगी
आपको बताये कि विधान कार्यक्रम में बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य, आयुष्मान योजना, पेंशन योजना, जॉब कार्ड, मनरेगा, आपूर्ति सहित अन्य विभाग के कर्मियों की उपस्थिति होनी थी लेकिन एक दो विभाग छोड़कर कई विभागों के अधिकारी और कर्मी गायब रहे, इस कारण ग्रामीणों की समस्याओ का समाधान नहीं हुआ, पंचायत के आधा दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीण मौजूद रहे लेकिन काम नही होने से उन्हे निराशा हाथ लगी.
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