पटना(PATNA): एक समय नोटबंदी के नाम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पानी पी पीकर कोसने वाले कॉन्ग्रेस नेता नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब इससे भाजपा का नीतिगत फैसला बता रहे हैं. भारत जोडो यात्रा की तैयारी को लेकर पूर्णिया पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व प्रमंडलीय प्रभारी कोकब कादरी ने कहा कि कई देशों में सरकार नोटबंदी करती है और करना भी चाहिए. केंद्र सरकार का भी यह नीतिगत फैसला था. लेकिन जिस तरह अचानक नोटबंदी किया गया यह सही नहीं था. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता से छुपाकर या जनता को सरकार द्वारा सरप्राइस देने वाली ऐसे फैसले नहीं होते हैं. इससे लोगों को काफी कठिनाई झेलनी पड़ी.
सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी पर दिया बड़ा फैसला
केंद्र की मोदी सरकार ने पूरे देश में 8 नवबंर 2016 को नोटबंदी लागू कर दी. इस ऐलान के बाद देश में 500 और 1000 के नोटों को चलन के बाहर कर दिया गया. इस एक फैसले के बाद पूरे देश में नोट बदलवाने के लिए बैंकों के बाहर लंबी-लंबी लाइनें लगनी लगी. केंद्र की इसी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 58 याचिकाएं दाखिल की गई थी, जिस पर 2 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया. कोर्ट ने अपने फैसले में सरकार के नोटों को बंद रखने के फैसले को बरकरार रखा है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सरकार के आर्थिक फैसलों को बदला नहीं जा सकता. बता दें कि याचिका की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के पांच बेंच वाले जजों ने की. जिसकी अध्यक्षता जस्टिस अब्दुल नजीर ने की.
कब हुआ था नोटबंदी?
दरअसल, 8 नवंबर 2016 की रात 8 बजे पीएम मोदी ने 500 और 1000 रुपए के बंद करने की घोषणा की थी. वहीं, इस घोषणा के बाद लोगों को 30 दिसंबर तक का समय दिया गया कि वह अपने पुराने नोट बैंकों में जाकर बदल लें. वहीं मोदी सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले के कारण बैंकों और एटीएम के बाहर लगी लंबी लाइनों की वजह से लोगों का काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा था. इसी के साथ इन पुराने नोटों की जगह नए नोट जारी किए गए और देश को 2000 का नया नोट मिला.
4+