Ranchi-पीएम मोदी का झारखंड यात्रा को लेकर कल जब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी मीडिया को संबोधित कर रहे थें. तब शायद उन्होंने इस बात का कल्पना भी नहीं की होगी कि उनके एक बयान के बाद झारखंड की सियासत में बवाल खड़ा हो सकता है और आदिवासी समाज को इस मांग के समर्थन में सड़क पर उतर सकता है. दरअसल कल पत्रकारों के द्वारा बाबूलाल से इस आशय का सवाल दागा गया था कि क्या प्रधानमंत्री मोदी अपनी इस यात्रा के दौरान आदिवासी समाज का चिर प्रतीक्षित मांग सरना धर्म कोड को लेकर कोई एलान कर सकते हैं. क्या भाजपा आदिवासी समाज के इस मांग पर विचार करने को तैयार है, बाबूलाल इस सवाल को दूसरे तरीके से टाल भी सकते थें, लेकिन उन्होंने बेहद सख्त लफ्जों में आदिवासी समाज का इस पुरानी मांग को यह कहकर खारिज कर दिया कि इस तरह की मांग तो होती रहती है, इसमें नया क्या है.
प्रधानमंत्री की यात्रा की खबर मिलते ही तेज हो गयी थी सरना धर्म कोड की मांग
ध्यान रहे कि पीएम मोदी की यात्रा की खबर मिलते ही आदिवासी सेंगेल अभियान और दूसरे आदिवासी समूहों के द्वारा अचानक से इसकी मांग तेज हो गयी थी, और इस मांग के समर्थन में चंद दिन पहले ही राजधानी के मोरहाबादी मैदान में एक विशाल जनसभा का आयोजन भी किया गया था. बावजूद इसके बाबूलाल मरांडी ने आदिवासी समाज की इस मांग को बेहद हल्के में लिया और एक तरह से साफ संकेत दे दिया कि भाजपा इस मांग पर विचार करने को तैयार नहीं है. और जैसा की होना था कि बाबूलाल के इस बयान के बाद सियासत तेज हो गयी. पीएम मोदी की यात्रा के ठीक पहले सरना धर्म कोड और आदिवासी राष्ट्र की मांग एक प्रमुख मुद्दा बन गया. आज स्थिति यह है कि इस मांग के समर्थन में झारखंड के कई हिस्सों से आत्मदाह करने की धमकी की दुर्भाग्यपूर्ण खबरें आ रही है, दावा किया जा रहा है कि आदिवासी सेंगेल अभियान के कार्यकर्ता कल प्रधानमंत्री मोदी के उलिहातू कार्यक्रम के अवसर पर आत्मदाह कर अपने विरोध का प्रर्दशन करेंगे. हालांकि पुलिस ने सतर्कता बरतते हुए चार आदिवासी युवाओं को गिरफ्तार भी कर लिया है, गिरफ्तार किये गये युवकों की पहचान चन्द्र मोहन मार्डी, विक्रम हेम्ब्रम, कान्हूराम टुडू और पृथ्वी मुर्मू के रुप में की गयी है.
सेंगेल अभियान के प्रमुख सालखन मुर्मू का दावा
इधर आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रमुख और पूर्व भाजपा सांसद सालखन मुर्मू ने दावा किया है कि जिस समय प्रधानमंत्री मोदी बिरसा की जन्म भूमि उलिहातू से आदिवासी समाज की कथित बेहतरी के लिए घोषणों का अपना पिटारा खोल रहे होंगे, ठीक उसी वक्त झारखंड के कोने कोने में आदिवासी समाज सरना धर्म कोड और आदिवासी राष्ट्र की मांग के समर्थन में अनशन कर रहा होगा. इस बीच खबर यह है कि इस अवसर पर सेंगेल अभियान की ओर से सबसे बड़ा कार्यक्रम जमशेदपुर के साकची गोलचक्कर पर करने का निर्णय लिया गया है. बड़ी खबर यह है कि आदिवासी महिला सेंगेल अभियान ,कोल्हान की अध्यक्षा प्रेम शिला मुर्मू ने भी कल आत्मदाह की धमकी दे डाली है. प्रेम शिला मुर्मू का दावा है कि वह जमशेदुपर में ही भगवान बिरसा मुंडा की मूर्ति के सामने आत्मदाह करेगी.
आप इसे भी पढ़ सकते हैं
4+