Ranchi- पीएम मोदी की झारखंड यात्रा से ठीक पहले झारखंड में सरना धर्म कोड और आदिवासी राष्ट्र की मांग तेज होती नजर आने लगी है. झारखंड के कई हिस्सों से इस मांग के समर्थन में आदिवासी समाज के द्वारा आत्मदाह करने की धमकी दी जा रही है. उनका दावा है कि आदिवासी समाज के लिए सरना धर्म कोड और आदिवासी राष्ट्र से बड़ा कोई सौगात नहीं हो सकता, बाकि सारे आश्वासन महज कागजी और जुमलेबाजी है. प्रधानमंत्री मोदी इस जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर इस पुरानी मांग को स्वीकार कर आदिवासी समाज का दिल जीत सकते हैं. और यदि इससे इंकार किया गया तो आदिवासी समाज विरोध स्वरुप आत्मदाह को मजबूर होगा. इस बीच पुलिस ने आदिवासी सेंगल अभियान के उन चार युवकों को हिरासत में ले लिया है, जिनके द्वारा प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में उलिहातू जाकर आत्मदाह करने की धमकी दी गयी थी. आरोपियों की पहचान चन्द्र मोहन मार्डी, विक्रम हेम्ब्रम, कान्हूराम टुडू और पृथ्वी मुर्मू के रुप में की गयी है.
आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रमुख सालखन मुर्मू का दावा
इधर आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रमुख और पूर्व भाजपा सांसद सालखन मुर्मू ने दावा किया है कि जिस समय प्रधानमंत्री मोदी बिरसा की जन्म भूमि उलिहातू से आदिवासी समाज की कथित बेहतरी के लिए घोषणों का पिटारा खोल रहे होंगे, ठीक उसी वक्त झारखंड के कोने कोने में आदिवासी समाज सरना धर्म कोड और आदिवासी राष्ट्र की मांग के समर्थन में अनशन कर रहा होगा.इस बीच खबर यह है कि इस अवसर पर सेंगेल अभियान की ओर से सबसे बड़ा कार्यक्रम जमशेदपुर के साकची गोलचक्कर पर करने का निर्णय लिया गया है. बड़ी खबर यह है कि आदिवासी महिला सेंगेल अभियान ,कोल्हान की अध्यक्षा प्रेम शिला मुर्मू ने भी कल आत्म दाह की धमकी दे डाली है. प्रेम शिला मुर्मू का दावा है कि वह जमशेदुपर में ही भगवान बिरसा मुंडा की मूर्ति के सामने आत्मदाह करेगी.
क्यों अचानक से तेज हुई सरना धर्म कोड पर आत्मदाह का सिलसिला
ध्यान रहे कि कल ही बाबूलाल मरांडी ने मीडिया के साथ अपनी बातचीत में सरना धर्म की मांग को खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा था कि इस तरह की मांग तो चलती ही रहती है, और बाबूलाल के इस बयान ने आग में घी के काम किया और पीएम मोदी की यात्रा से ठीक पहले पूरे झारखंड में सरना धर्म कोड और आदिवासी राष्ट्र की मांग एक प्रमुख मुद्दा बना गया.
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