हेमंत के इस्तीफे के बाद के वे 70 घंटें! कौन था झारखंड का सीएम! चक्करघिन्नी की तरह नाचती सूबे की सियासत

आखिर झारखंड को इस संवैधानिक संकट की ओर किस षडयंत्र के तहत धकेला जा रहा था. झामुमो का दावा कि चूंकि भाजपा ऐन-केन-प्रकारेण किसी भी हालत में सत्ता हड़पना चाहती थी, और उसे इस बात की आशंका थी कि यदि हेमंत सोरेन कार्यावाहक मुख्यमंत्री बने रहे तो उसके सपनों पर पानी फिर सकता है, बस इसी सत्ता की चाहत में सीएम हेमंत को कार्यवाहक मुख्यमंत्री नहीं बनने दिया गया. हालांकि इसके  बावजूद  हम विधान सभा में अपना बहुमत साबित करने में सफल रहें.

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