चंपाई सरकार में दलितों का प्रतिनिधित्व शून्य, आखिर एन वक्त पर किसके इशारे पर चढ़ाई गयी बैधनाथ राम की सियासी बलि

भाजपा के  हाथ लोकसभा चुनाव के पहले कितना बड़ा सियासी हथियार हाथ लगा है इसका आकलन नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी के इस बयान में समझा जा सकता है, जिसमें वह कहते हैं कि शपथ ग्रहण के ठीक पहले वैद्यनाथ राम का नाम काटा जाना दलितों के साथ सियासी ठगी है. झारखंड की 50 लाख की अनुसूचित को ठगबंधन सरकार के द्वारा एक और ठगी किया गया है. दलितों के लिए कांग्रेस, जेएमएम और राजद में सिर्फ पार्टी का झंडा ढोने की जिम्मेवारी है.

चंपाई सरकार में दलितों का प्रतिनिधित्व शून्य, आखिर एन वक्त पर किसके इशारे पर चढ़ाई गयी बैधनाथ राम की सियासी बलि