Ranchi-विधायकों की नाराजगी की खबर मिलते ही कांग्रेस में जो खलबली मचती दिखलायी दे रही थी, अब उस पर विराम लग चुका है, ठीक शपथ ग्रहण के पहले कांग्रेस ने अपने सभी नाराज विधायकों की नाराजगी दूर करने के दावा किया है, इस बीच खबर यह है कि सभी नाराज विधायक शपथ ग्रहण में हिस्सा लेने के लिए राजभवन की ओर निकल पड़े हैं, मंत्री आलमगीर आलम और रामेश्वर उरांव अपने नेतृत्व में सारे विधायकों को राजभवन की ओर लेकर निकल पड़े हैं. यहां ध्यान रहे कि आज जैसे ही इस बात की खबर मिली कि कांग्रेस इस बार मंत्रियों के चेहरे में कोई बदलाव नहीं करने जा रही है, और सभी पुराने चेहरों को ही मंत्री बनाने जा रही है. जिसके बाद दावा किया जाता है कि दीपिका पांडेय, अंबा प्रसाद, इरफान अंसारी, अनुप सिंह, उमा शंकर अकेला, नेहा शिल्पी तिर्की, प्रदीप यादव के साथ ही करीब दर्जन भर विधायक रुम नम्बर 107 में बैठकर इसका विरोध करने लगें. और इसके बाद यह खबर मीडिया की सुर्खियां बनने लगी. लेकिन दावा किया जाता है कि एन वक्त पर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने मोर्चा संभाला, इस मिशन में उन्हे वयोवृद्ध कांग्रेसी नेता रामेश्वर उरांव का भी साथ मिला और आखिरकार सभी नाराज विधायकों को मना लिया गया. हालांकि इस बीच जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने यह दावा भी किया है कि उनकी नाराजगी अभी दूर नहीं है, लेकिन वह शपथ ग्रहण से दूर रहकर सरकार की किरकिरी नहीं करवाना चाहते, शपथ ग्रहण के बाद वह सभी विधायकों के साथ दिल्ली जायेंगे और आलकमान को पूरे मामले की जानकारी प्रदान करेंगे.इस बीच यहां यह भी बता दें कि झामुमो ने इस बार तीन नये चेहरे को सामने लाने का फैसला किया है, और इसके साथ ही बंसत सोरेन, दीपक विरुआ और बैधनाथ राम को मंत्री पद की शपथ दिलवायी जा रही है, जबकि कांग्रेस ने अपनी सभी पुराने मंत्रियों को रीपिट करने का फैसला किया है. जबकि पुराने चेहरे में बेबी देवी, मिथिलेश ठाकुर इस बार भी मंत्री बनने में सफल रहे हैं. उधर कांग्रेस ने एक बार फिर से अपने पुराने चेहरों पर दांव लगाने का फैसला करते हुए रामेश्वर उरांव, मिथिलेश ठाकुर, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख का शामिल करने का फैसला किया है. जबकि आलमगीर आलम पहले ही मंत्री पद की शपथ ले चुके हैं.
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