Patna-G-20 की बैठक की समाप्ति के बाद पीएम मोदी के द्वारा विदेशी मेहमानों संग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समाधि स्थल जाने पर अब राजनीतिक वार पलटवार की शुरुआत हो चुकी है. राजद सहित तमाम विपक्षी दलों के द्वारा यह सवाल उठाये जाना लगा है कि एक तरफ भाजपा और उसका पूरा आईटी सेल देश में गांधी के खिलाफ नफरत फैलाती है, राष्ट्रपिता के प्रति अपशब्दों की बौछार करने वाली साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को संसद में बैठाकर उसका महिमामंडन करती है.
श्रद्धासुमन अर्पित करने की मजबूरी
खुद देश के गृह मंत्री अमित शाह राष्ट्र पिता बापू को चतुर बनिया बताकर अपमानित करने का काम करते हैं, राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को कमतर दिखलाने की घिनौनी कोशिश की जाती है, हर दिन भाजपा सांसद विधायकों के द्वारा राष्ट्र निर्माण में गांधी की भूमिका पर सवाल खड़ा किया जाता है, योगदानों का हिसाब किताब मांगा जाता है, वहीं दूसरी तरफ विदेशी मेहमानों के दवाब में पीएम मोदी को मन मारकर राजघाट जाना पड़ता है, यही भाजपा और पीएम मोदी का असली चरित्र और दुहरापन है, जब बात विदेशी मेहमानों की आती है, तब वह चाहकर भी राष्ट्र के निर्माण में उस फकीर की भूमिका को दरकिनार नहीं कर पाते. इच्छा के विपरीत अपना श्रद्धासुमन अर्पित करना पड़ता है.
ऑफिसियल ट्विटर हैंडल पर राजद की प्रतिक्रिया
राजद ने अपने ऑफिसियल ट्विटर हैंडल इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि सबसे शक्तिशाली देशों के राष्ट्राध्यक्ष गाँधी जी के समक्ष झुकते हैं, और झुकते ही रहेंगे! भाजपाई और संघी महात्मा गाँधी के विरुद्ध चाहे लाख दुष्प्रचार कर लें, चाहे ना चाहे, उन्हें भी गाँधी जी के सामने झुकना ही पड़ेगा!
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