Patna-सियासत की पतली गली में कौन किसको कब दगा दे जाय, इसका आकलन बेहद जोखिम भरा कार्य है, धुरंधर से धुरंधर राजनेता भी अपनी सियासी जीवन के किसी ना किसी मोड़ पर इस चकमे का शिकार बन जाता है. नहीं तो भला यह किसको पत्ता था कि अपने पलटाशन के लिए कुख्यात नीतीश कुमार इस बार भाजपा की गुगली में अपना सब कुछ गंवा बैठेंगे. इस इधर संकट की इस बेला में अपने चाचा को सांत्वाना के दो शब्द देने के बजाय भतीजा तेजस्वी जन विश्वास यात्रा में इस बात की हुंकार लगाता फिर रहा है कि सावधान, सामने सिर्फ लोकसभा का जंग ही नहीं, बल्कि विधान सभा का संग्राम भी खड़ा है.
भाजपा के चक्रव्यूह में नीतीश की सियासत
दरअसल अपनी सियासी पलटी से कभी राजद तो कभी भाजपा को छकाते रहे नीतीश कुमार इस बार खुद ही भाजपा के चक्रव्यूह में फंसते दिख रहे हैं, जिस पालाबदल के वक्त उन्हे विधान सभा को भंग करने का भरोसा दिलाया गया था, अब भाजपा अपने उसे वादे से मुकरती नजर आ रही है और हालत यह है कि विधान सभा में बहुमत साबित करने के बाद भी सीएम नीतीश अपने मंत्रिमंडल विस्तार का जोखिम नहीं ले पा रहे. नीतीश कुमार को दो टूक इंकार करने के बजाय भाजपा विधान सभा भंग करने की उनकी मांग को तकनीकी आधार पर लटकाना चाह रही है, ताकि नीतीश कुमार वादाखिलाफी का आरोप भी चस्पा नहीं कर पायें. और दावा किया जाता है कि इसी मकसद से विधान परिषद चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी गयी, जिसका मतदान 21 मार्च को होगा, इस प्रकार नीतीश कुमार 21 मार्च तक विधान सभा भंग करने की मांग भी नहीं कर सकते. इस बीच 21 मार्च कर लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी होगी, उसके बाद विधान सभा और लोकसभा का चुनाव एक साथ करवना मुमकिन ही नहीं होगा. नीतीश कुमार को अब इसके लिए लोकसभा चुनाव खत्म होने का इंतजार करना होगा और यही आकर नीतीश की मंशा पर पानी फिरता नजर आता है. इधर नीतीश कुमार को यह भय सताये जा रहा है कि यदि लोकसभा चुनाव के बाद विधान सभा भंग करने का एलान कर भी दिया जाता है तो इस बात की क्या गारंटी है कि इस बार भाजपा एक बार फिर से ऑपरेशन चिराग का सहारा नहीं लेगी, क्योंकि लोकसभा चुनाव खत्म होते ही भाजपा के लिए नीतीश की सारी उपयोगिता समाप्त हो चुकी होगी, और उसके बाद उसकी कोशिश नीतीश कुमार की सियासत को आगे बढ़ाने के बजाय खुद अपने लिए जगह तलाश करने की होगी. हर बार नीतीश की इस किचकिच से मुक्ति की होगी. और बहुत संभव है कि इस बार भाजपा की इस मुहिम में भतीजे तेजस्वी का साथ भी मिल जाये.
आप इसे भी पढ़ सकते हैं-
4+