Ranchi-झारखंड की सियासी फिजा को ताजी हवा का झोंका देने के संकल्प के साथ चुनावी संग्राम में उतरने का ख्वाहिश पाले टाईगर जयराम की राहें मुश्किल में फंसती नजर आ रही है. पहले तो नामाकंन के बाद गिरफ्तारी की कोशिश हुई, और अब एक-एक उनके साथियों को उठाया जा रहा है. ताजा मामले में रांची संसदीय सीट से ताल ठोंकन की तैयारी में जुटे छात्र नेता देवेन्द्र नाथ महतो को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. इस बीच टाईगर जयराम भूमिगत हो चुके हैं, उनके उपर एक तरफ गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है, दूसरी ओर नामांकन खारिज होने का डर भी सत्ता रहा है.
वैकल्पिक चेहरे की तलाश भी तेज
इस संकट के बीच झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के अंदर टाईगर जयराम के स्थान पर वैकल्पिक चेहरे की तलाश भी तेज हो चुकी है. गिरिडीह संसदीय सीट से दो नामांकन फार्म की खरीद हुई है. एक फार्म बलियापुर से जिला पार्षद उषा महतो के नाम पर खरीदी गयी है, जबकि दूसरा फार्म छात्र नेता पूजा महतो की ओर से. हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि टाईगर जयराम के अखाड़े से हटने के बाद पार्टी किस चेहरे पर दांव लगायेगी. जेबीकेएस का दावा है कि आने वाले दो से तीन दिनों में तस्वीर साफ हो जायेगी. कोशिश अभी भी जयराम को ही अखाड़े में उतारने की है, जमानत का प्रयास भी जारी है. लेकिन मुश्किल इस बात की है, कहीं जयराम महतो का नामांकन ही खारिज नहीं हो जाय. इसी संकटकालीन स्थिति के लिए फार्म की खरीद हुई है. दरअसल दो फार्म खरीदने के पीछे भी एक वजह है, जयराम की गैरमौजूदी में संगठन की पहली पसंद पूजा महतो हैं, लेकिन मुश्किल यह है कि पूजा महतो पर भी मामला दर्ज है. जिसके कारण दो-दो फार्म की खरीद करवायी है.
क्या है पूजा और उषा का इतिहास
यहां ध्यान रहे कि पूजा महतो अभी स्नातक की छात्रा हैं, बेरमो की रहने वाली है. लेकिन पढ़ाई लिखाई के साथ ही सामाजिक आंदोलनों में सक्रिय भूमिका रहती है. और इसी का नतीजा है इस उम्र में ही दो दो मामले दर्ज हो चुके हैं. जबकि उषा महतो बलियापुर से जिला पार्षद है, उनके पास सियासत का एक हद तक अनुभव भी है, इस हालत में देखना होगा कि गिरिडीह के अखाड़े में अंतिम समय में किसकी इंट्री होती है. टाईगर जयराम ही मोर्चा संभालते हैं या फिर पूजा या उषा में से किसी एक की किस्मत खुलती है.
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