Ranchi-आज से पीएम मोदी झारखंड के चुनावी दौरे पर हैं. वह दो दिन तक झारखंड में रहेंगे, उनकी पहली सभा चाईबासा में होगी, जहां वह पूर्व सीएम मधू कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा के लिए मतदाताओं से समर्थन की अपील करेंगे. इसके बाद करीबन 6.30 में बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रांची पहुंचेगे और 1.5 किलोमीटर लम्बे रोड शो की शुरुआत होगी. एयरपोर्ट से शुरु होने वाला यह रोड शो बिरसा चौक, बीजेपी कार्यालय, हरमू चौक, सहजानंद चौक होते हुए किशोरगंज चौक, शनि मंदिर चौक, गोशाला चौक होते हुए न्यू मार्केट तक जारी रहेगा. रात में राजभवन में रात्रि विश्राम होगा. जबकि चार मई को पलामू और लोहरदगा में जनसभा. हर बार की तरह इस बार भी भाजपा की उम्मीद पीएम मोदी के दौरे पर टिकी है.
पीएम मोदी के दौरे बाद बदलती नजर आयेगी हवा का रुख
इस बात का दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी के दौरे के साथ ही पूरे झारखंड की सियासी फिजा एक बारगी बदलती नजर आयेगी. जिन सीटों पर जीत पक्की है, वहां जीत हार का फासला और भी विस्तार लेगा और जिन सीटों पर कांटे का मुकाबला की भविष्यवाणी की जा रही है. उसकी राह भी आसान होती नजर आयेगी. खूंटी, लोहरदगा, पश्चिमी सिंहभूम, राजमहल, गिरिडीह, दुमका जैसी सीटें जहां इस बार मुकाबला कांटे का बताया जा रहा है. भाजपा की स्थिति कमजोर बतायी जा रही है. दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी के इस दौरे के बाद हवा का रुख बदलता नजर आयेगा. जबकि रांची, धनबाद, कोडरमा, हजारीबाग और जमशेदपुर जैसी सीटें जहां आज की तारीख में भाजपा की बढ़त बतायी जा रही है, पीएम मोदी के इस दौरे बाद कमल की जड़ें और भी गहरी होगी. पलामू, चतरा जहां अब तक कोई साफ तस्वीर बनती दिखलायी नहीं दे रही है. पीएम मोदी के इस दौरे के बाद तस्वीर कुछ हद तक साफ होती नजर आयेगी.
2014 और 2019 से बाहर निकलने को तैयार नहीं भाजपा
दूसरी ओर झामुमो नेताओं का दावा है कि भाजपा आज भी 2019 और 2014 के दौर से बाहर निकलने को तैयार नहीं है. जिन मुद्दों और सियासी जुमलों के सहारे भाजपा ने वह जीत हासिल की थी. आज उसकी कलई खुल चुकी है. देश आज महंगाई, बेरोजगारी और सामाजिक असंतोष की आग से तड़प रहा है. खास कर झारखंड में यह आग कहीं ज्यादा विकराल है. हेमंत सोरेन की गिरप्तारी से यहां का आदिवासी-मूलवासी समुदाय मर्माहत है. आदवासी समाज को अपनी अस्मिता संकट में फंसा दिख रहा है. जिस तरीके से एक-एक कर निर्वाचित मुख्यमंत्रियों को कालकोठरी में कैद किया जा रहा है. उसके बाद देश के संविधान पर ही खतरा मंडराने लगा है. संविधान ही आदिवासी-मूलवासी समाज के साथ अल्पसंख्यक समाज के लिए सुरक्षा की गारंटी है. जब यह संविधान ही नहीं रहेगा तो फिर वंचित समूहों के अधिकारों की सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा? इस खतरे के कारण आदिवासी-मूलवासी समाज के साथ ही अल्पसंख्यक समाज के बीच बेचैनी और आक्रोश है, जिसकी झलक लोकसभा चुनाव परिणाम में देखने को मिलेगी.
हेमंत का जोर या फिर पीएम मोदी के वादे की गांरटी
इस हालत में सवाल खड़ा होता है कि आखिर पीएम मोदी के इस दौरे के बाद क्या वाकई झारखंड की सियासी फिजा बदलने वाली है? जैसा की भाजपा खेमे का दावा है, या फिर पूर्व सीएम हेमंत की गिरफ्तारी ही लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ा सियासी मुद्दा रहने वाला है. निश्चित रुप से प्रधानमंत्री मोदी की कोशिश पूर्व सीएम हेमंत को भ्रष्टचार का प्रतीक बताने की होगी, और भ्रष्टाचार को खत्म करने के दावे के साथ ही जीत की हुंकार भी लगायी जायेगी. लेकिन इस चुनावी संग्राम में मधु कोड़ा का भ्रष्टाचार भी सामने खड़ा होगा, जिसे कभी भ्रष्टाचार का प्रतीक पुरुष बताते हुए खुद पीएम मोदी ने कमल खिलाने का आह्वान किया था. लेकिन आज वह उसी मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा के लिए जीत की अपील करते नजर आयेंगे और मधु कोड़ा उनके साथ ही खड़े होंगे, इस हालत में भ्रष्टाचार कितना बड़ा मुद्दा बनेगा, एक अहम सवाल है, इसकी अग्नि परीक्षा चार मई को होनी है.
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