Ranchi-जब से गांडेय विधान सभा सीट से झामुमो विधायक सरफराज अमहद ने अपना इस्तीफा दिया है, सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज है कि अब झारखंड की सियासत में कल्पना सोरेन इंट्री होने वाली है, कल्पना सोरेन इस बार इस सीट से अपनी सियासी जीवन की शुरुआत करने वाली है, हालांकि सीएम हेंमत इस खबर को बेबुनियाद बताते हुए इसे भाजपा की कल्पना बता चुके हैं, बावजूद इसके यह शोर अभी थमा नहीं है, इस कयास को राजेश ठाकुर के उस इंकार से भी बल मिलता दिख रहा है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि आज कल भाजपा में बेरोजगारी का आलम यह है कि अब उसके नेता भाजपा प्रवक्ता की भूमिका से ज्यादा महागठबंधन के प्रवक्ता कुछ ज्यादा ही बन रहे हैं, कभी उनके द्वारा यह खबर उड़ायी जाती कि कांग्रेस इस बार नौ सीट पर अपनी दावेदारी पेश कर रही है, तो कभी दावा किया जाता है कि हेमंत की आपदा में कांग्रेस को अवसर की तलाश है, और वह उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर नजर गड़ाये हुए है, कभी दावा किया जाता है कि कांग्रेस में टूट होने वाली है, उसके सांसद विधायक टूटने वाले हैं, और यदि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी हो जाती है तो झामुमो किसी भी चेहरे के सहारे विधान सभा में अपना बहुमत साबित नहीं कर सकती है, लेकिन ये सारे खबर सूत्रों पर आधारित है, और वह सूत्र है भाजपा, यह वही भाजपा है जो गणेश जी की मूर्ति को दूध पिलाने का जलबा दिखा चुकी है.
नकारते नकारते कल्पना की इंट्री स्वीकार गयें राजेश ठाकुर
लेकिन कल्पना सोरेन की इंट्री को नकारते नकारते राजेश ठाकुर ने इस बात की आशंका भी प्रकट कर दी कि जिस तरीके से भाजपा के द्वारा उनका नाम उछाला गया है, उसके बाद पूरे झारखंड में उस नाम पर एक सहमति बनती नजर आ रही है, लोग अब उन्हे एक राजनेता के बतौर देखने लगे हैं, वैसे भी वह एक सियासी परिवार के बहु हैं, अब राजेश ठाकुर के इस बयान को किस अर्थ में लिया जाय, जब वह दावा करते हैं कि पूरे झारखंड में कल्पना सोरेन के नाम पर एक सहमति बनती नजर आ रही है, लोग कल्पना सोरेन को सियासी अवतरण में देखना चाह रहे हैं, तो साफ है कि अंदरखाने इस नाम पर चर्चा चल रही है, और राजेश ठाकुर इसे सीधे स्वीकार नहीं कर कल्पना के नाम को सुर्खियों में लाने के लिए भाजपा को जिम्मेदार बताते हुए, इस बात का संकेत भी दे रहे हैं कि सियासत में कुछ भी असंभव नहीं होता.
कांग्रेस सहित किसी भी घटक दल में टूट का कोई खतर नहीं
सरकार की स्थिरता को लेकर राजेश ठाकुर ने साफ किया कि कहीं कोई खतरा नहीं है, और ना ही कांग्रेस और हमारे घटक दल का कोई विधायक टूटने वाला है. लेकिन खबरें चलती रहती है, कुछ लोग तो यहां राज्यपाल को भी मुर्ख समझने लगे हैं, ये ज्ञानी लोग राज्यपाल को संवैधानिक प्रावधानों की जानकारी देने का दंभ भरते हैं, झारखंड की जनता को यह भूलना नहीं चाहिए कि यह वही जमात है तो गणेश जी की मूर्ति को दूध पिलाने का करिश्मा करता है. इनके दावों पर ज्यादा मंथन करने की जरुरत नहीं है. महागठबंधन पूरी मजबूती और एकजुटता के साथ 2024 के मैदान में भाजपा को शून्य से साफ करने वाली है.
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