Patna-पिछले कई वर्षों से बिहार की सियासत से दूर खड़े कर दिये गये, बावजूद इसके अपनी सियायी टिप्पणियों के सहारे अखबारों की सुर्खियों में बने रहने वाले पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बोलते हुए जनअधिकार पार्टी के संयोजक पप्पू यादव ने कहा है कि ऊँट बैठ भी जाये तो गदहा से ऊंचा रहता है. सुशील मोदी जैसे आदमी मेरे पास मुंशी रहता था, जो हमारी 4 हजार गाय और करीबन 5 हजार भैंसों का दानी पानी की व्यवस्था किया करता था. वित्त विभाग से लेकर खनन विभाग तक ऐसा कौन सा विभाग है, जिसमें सुशील मोदी के द्वारा लूट नहीं की गयी हो, बावजूद इसके जितना उसने लूटा होगा, पप्पू यादव ने उससे कहीं अधिक बांटा है. उसकी लूट की कमाई से ज्यादा आय तो हमें अपने गाय-भैंसों से आती है. सुशील मोदी के मुंह से सदाचार की बात सुनना हजम नहीं होता, खुद को भ्रष्ट्रचार के प्रतीक है, और लोगों को ईमानदारी का पाठ पढ़ाते घूमते रहते हैं. पप्पू यादव ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि मेरी जुबान खुल गयी तो सुशील मोदी कहीं मुंह दिखाने के काबिल भी नहीं रहेंगे, शीशे के घर में रहकर दूसरे पर पत्थर चलाने से पहले दस बार विचार करना चाहिए, पूरा बिहार जानता है कि किसी भी आपदा में उसके पास यदि कोई सामने आता है, तो वह पप्पू यादव है, चाहे बाढ़ तो सुखाड़ पप्पू यादव 24 घंटे जनता के बीच रहता है, यही हमारी पूंजी है और यही हमारी ताकत भी.यहां याद रहे कि हाल में ही सुशील मोदी ने पप्पू यादव को एक तल्ख टिप्पणी की थी, जिसके बाद पप्पू यादव ने सुशील मोदी को अपने निशाने पर लिया.
मधेपुर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं पप्पू यादव
यहां याद रहे कि हाल में ही सुशील मोदी ने पप्पू यादव को एक तल्ख टिप्पणी की थी, जिसके बाद पप्पू यादव ने सुशील मोदी को अपने निशाने पर लिया. खबर यह भी है कि पप्पू यादव कांग्रेस के टिकट से मधेपुरा से चुनाव लोकसभा का चुनाव भी लड़ सकते हैं. इस प्रकार महागठबंधन के साथ उनकी नजदीकियां बढ़ती नजर आ रही है, और यही कारण है कि हालिया दिनों में पप्पू यादव पर हमले तेज हुए हैं. हालांकि एक सवाल अभी भी उलझा हुआ है कि यदि पप्पू यादव मधेपुरा से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ते हैं, तो उस हालत में राजद के प्रोफेसर चन्द्रशेखर का क्या होगा? क्योंकि प्रोफेसर चंद्रशेखर की चाहत भी मधेपुर के अखाड़े से उतरने की है.
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