मंत्री बनने से पहले ही रत्नेश सदा ने खोला मोर्चा, कहा सीएम बनने के बाद भी मुसहर समाज के लिए मांझी ने नहीं किया कोई काम  

स्नातक होने के बावजूद अपने प्रारम्भिक दिनों में रत्नेश सदा रिक्शा चला कर अपनी जीविकोपार्जन करते थें. उनके पिता रिक्शा का भी यही पेशा था. परिवार की आर्थिक स्थिति काफी तंगहाल थी. विचारधारा के स्तर पर कबीरपंथी रत्नेश सदा बहुत अच्छे वक्ता भी है

मंत्री बनने से पहले ही रत्नेश सदा ने खोला मोर्चा, कहा सीएम बनने के बाद भी मुसहर समाज के लिए  मांझी ने नहीं किया कोई काम