Ranchi- हेमंत सरकार को उखाड़ फेंकने के संकल्प के साथ अपनी संकल्प यात्रा निकले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत पर बड़ा हमला बोला है, उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन जांच की दिशा को भटकाने के लिए कोर्ट की शरण में जा सकते हैं. यहां याद दिला दें कि जब ईडी की ओर से सीएम हेमंत को पहला नोटिस जारी हुआ था, तब ही सीएम हेमंत ने चेतावनी भरे लहजे में ईडी को अपना समन वापस लेने को कहा था, अपने जवाब में सीएम हेमंत ने बेहद साफ शब्दों में कहा था कि यदि ईडी ने अपना समन वापस नहीं लिया तो वह कानूनी कार्रवाई को बाध्य होंगे. क्योंकि ईडी का यह समन सिर्फ अपने पॉलिटिकल मास्टर को खुश करने की कवायद है. इस बीच ईडी की ओर से सीएम हेमंत को दूसरा समन भेजा गया है, और उन्हे दुबारा 24 अगस्त तो उपस्थित होने को कहा गया है, लेकिन ईडी के पहले समन का जिस भाषा में जवाब दिया गया था, और उसके समन को अपने पॉलिटिकल मास्टर को खुश करने की कवायद बतायी गयी थी, राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा आम है कि इस बार भी सीएम हेमंत ईडी के समक्ष पेश नहीं होने जा रहे हैं, और बहुत संभव है कि उनकी ओर से अब कानूनी मोर्चा खोला जायेगा.
कोर्ट जाने का विकल्प सबके लिए खुला
याद रहे कि भारतीय शासन व्यवस्था में हर किसी के पास कोर्ट जाने विकल्प खुला होता है, क्योंकि सरकार की सत्ता ही अंतिम सत्ता नहीं होती, उसकी निगरानी के लिए न्यायपालिका का भी अपना वजूद होता है, हालांकि अभी तक कोर्ट जाने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इसके पहले ही बाबूलाल ने इस पर सवाल खड़ा कर दिया है, अपने ट्वीटर अकाउंट पर उन्होंने लिखा है कि @dir_ed ने मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM जी को दुबारा सम्मन भेजकर 24 अगस्त को पूछताछ के लिये बुलाया है। उनसे खुद के नामी-बेनामी और क्षद्मनामी जमीन-जायदाद अर्जित करने में किये गये मनीलॉंड्रिंग के बारे पूछताछ होनी है. हेमंत जी जॉंच और कार्रवाई से बचने के लिये कोर्ट की शरण में जा सकते हैं. ये देखना दिलचस्प होगा कि हेमंत जी खुद के गलत कार्यों एवं नामी-बेनामी आदिवासी ज़मीन हड़पने को लेकर हो रही ईडी की इस बड़ी कार्रवाई से बचने प्रयास में करोड़ों रूपये का भारी-भरकम न्यायिक खर्च अपनी जेब से करते हैं या सरकारी ख़ज़ाने से? मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM
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