टीएनपी डेस्क (TNP DESK):-झारखंड के संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों की घुसपैठ को लेकर लगातार चर्चा चल रही है. इसे लेकर तरह-तरह की खबरें भी सामने आते रही है. बांग्लादेश से आने वाले इन लोगों की हरकतें सिर्फ यहां रोजी-रोटी ही नहीं, बल्कि यहां का स्थायी निवासी बनने के लिए वोटर लिस्ट, आधार और पैन कार्ड समेत तमाम सरकारी दस्तावेजों में अपने नाम अंकित करने को लेकर है. इतना ही नहीं संथाल में आदिवासी बेटियों को मोहब्बत के जाल में फंसाकर शादी कर रहें हैं . और उनकी जमीन भी हड़प रहें है . इसे लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और बाबूलाल मरांडी सरीखे नेता भी आवाज कई बार उठायी है.
खुफिया एजेंसियों ने किया सर्तक
बांग्लादेशी घुसपैठियों के लेकर खुफिया एजेंसियों ने पहले ही सतर्क कर दिया है. झारखंड के विभिन्न जिलों में इनकी दस्तक हो सकती है. लिहाजा , इसे देखते हुए जिला प्रशासन को आगाह कर दिया गया है . विशेष साखा ने इस खतरे को भांपते हुए राज्य के सभी जिले के उपायुक्त, वरीय पुलिस अधीक्षक से इस संबंध में पत्रचार किया है .जिसमे बताया गया है कि साजिश के तहत बांग्लादेशी घुसपैठियों को मतदाता सूची में नाम चढ़ाकर, उन्हें बसाने की बात कही गई है.
झारखंड की आतंरिक सुरक्षा कै लिए खतरा
खुफिया विभाग ने पत्रचार के जरिए आगाह किया कि, राज्य की आतंरिक सुरक्षा के लिए घुसपैठियें खतरनाक साबित होंगे. लिहाजा, इससे सतर्कता और समय-समय पर निगेहबानी करती रहनी पड़ेगी. संथाल परगना के अलावा अन्य जिलों में भी लगातार निगरानी करते रहना जरुरी है. विशेष शाखा से मिले पत्र के बाद जिले के डीसी इसे लेकर बीडीओ, सीओ, थाना प्रभारी को लगातार निगरानी और वेरिफिकेशन के लिए लिखा है. अधिकारियों से कहा गया है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों से संबंधित जांच रिपोर्ट अपने बीडीओ को मुहैय्या कराएं.
राजधानी रांची पर भी घुसपैठियों की नजर
पिछले कई सालों से रांची के नए इलाकों में बाहरी लोगों के बसने की खबर मिलती रही है . कुछ वक्त पहले रांची के सिल्ली-मुरी के रास्ते नामकुम, रातू और धुर्वा क्षेत्र में भी कुछ बांग्लादेशियों के आने की सूचना मिली थी. हालांकि, खुफिया विभाग के अलर्ट के बाद जिला प्रशासन जागा है. नये बसाहट वाले क्षेत्र, पुंदाग, धुर्वा, जगन्नाथपुर, रातू,कांके, ओरमांझी, नामकुम पर नजरें रखने के लिए कहा गया है.
झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ लंबे समय से हो रही है, इससे इंकार नही किया जा सकता. हाल के दिनों में इसे लेकर कई बार खबरे आती रही है. इस समस्या को लेकर झारखंड विधानसभा में भी आवाज उठती रही है. लेकिन, अब जब खुफिया विभाग ने जब सतर्क किया है. तब जाकर इस खतरे को लेकर सतर्क हुए हैं.
रिपोर्ट-शिवपूजन सिंह
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