रांची(RANCHI)- डुमरी उपचुनाव के नतीजे रामगढ़ विधान सभा उपचुनाव की याद ताजा करवाता दिख रहा है, दूसरे राउंड की गिनती तक आजसू प्रत्याशी यशोदा देवी अपने निकतम प्रत्याशी बेबी देवी के आगे चल रही है. हालांकि अभी इसे जीत का ट्रेंड कहना मुश्किल है, लेकिन जिस प्रकार से रामगढ़ उपचुनाव में विजय पताका फहराकर आजसू ने झारखंड की राजनीति में इस बात रेखांकित कर दिया था कि बगैर उसके भाजपा का यह जीत के करीब भी पहुंचना मुश्किल है, उसको देखते हुए यह प्रारम्भिक बढ़त भी इंडिया खेमें में बेचैनी ला सकता है, और यदि यह बढ़त वाकई जीत की ओर अग्रसर होता है, तो आने वाले दिनों में यह भाजपा के लिए भी मुसीबत खड़ी हो सकती है, इस जीत के बाद ना सिर्फ आजसू का होसला आसमान पर होगा, बल्कि पर आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ कठोर शर्तों के साथ गठबंधन की बात करने की हैसियत में होगा. और यही स्थिति भाजपा नहीं चाहती. भले ही वह आजसू के साथ हो, लेकिन उसकी आंतरिक कोशिश आजसू को छोटा प्लेयर बनाने रखने की है, लेकिन जीत दर जीत हासिल कर आजसू यह संकेत देने की कोशिश रही है कि वह झारखंड की राजनीति में भाजपा के बड़ा खिलाड़ी है और यदि भाजपा को आगे की रणनीति करनी है, झारखंड की कुर्सी तक पहुंचना है तो उसे आजसू की शर्तों पर चलना होगा, और सुदेश महतो के नेतृत्व को स्वीकार करना होगा. फिलहाल पता नहीं कि भाजपा इस मनोस्थिति के तैयार है या नहीं, या वह अभी भी रघुवर दास की उस रणनीति पर चलने की सोच रही है कि वह अपने दम पर झारखंड की राजनीति में कमल खिला सकती है.
फिलहाल हमें अंतिम नतीजों के कुछ इंतजार करना होगा, और बहुत संभव है कि 12 बजे तक कुछ संकेत मिल जाय.
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