कैसे बजेगी 2024 में शहनाई! बाबूलाल की नयी कमेटी से गुम कुर्मी चेहरे, आठ जिलों का प्रतिनिधित्व शून्य, महिला आरक्षण का ढिंढोरा लेकिन प्रतिनिधित्व गायब

इस कमेटी पर एक बड़ा सवालिया निशान सामाजिक समीकरणों को लेकर भी है. 44 सदस्यीय इस कमेटी में कुल दो कुर्मी चेहरे को जगह मिली है. पहला चेहरा पहला रामाकांत महतो और दूसरा मनोज वाजपेयी का है, क्या करीबन 16 फीसदी आबादी वाले कुर्मी जाति के लिए यह क्या यह समूचित प्रतिनिधित्व है. और क्या इसी प्रतिनिधित्व के साथ भाजपा कुर्मी मतदाताओं पर अपना डोरा डालेगी और यदि वह इसकी कोशिश भी कर ले तो क्या यह प्रयास सियासी रंग दिखा पायेगा, इसका जवाब तो 2024 के महासंग्राम का चुनावी परिणाम भी बतायेगा. लेकिन फिलहाल इस कमेटी के लेकर कुर्मी मतदाताओं में नाराजगी पसरती नजर आ रही है.

कैसे बजेगी 2024 में शहनाई! बाबूलाल की नयी कमेटी से  गुम कुर्मी चेहरे, आठ जिलों का प्रतिनिधित्व शून्य, महिला आरक्षण का ढिंढोरा लेकिन प्रतिनिधित्व गायब