“हेमंत है तो हिम्मत है” के बाद अब राजधानी की सड़कों पर “हेमंत से क्या दिक्कत है” का उमड़ता सवाल, दिखने लगा झामुमो कार्यकर्ताओं का आक्रोश

माना जाता है कि यह विरोध प्रर्दशन भी महज औपचारिकता होगी, ताकि दिल्ली तक यह संदेश दिया जा सके, कि सीएम हेमंत की जड़ें इतनी कमजोर और असहाय नहीं है कि हवा के एक झोके साथ उसे जमीन पर ले लाया जाय, यह तो संघर्षों की पार्टी है, सड़क पर आन्दोलन करने का इसका पुराना इतिहास रहा है, वह भला इन आंधियों से क्यों बिखरेगी?

“हेमंत है तो हिम्मत है” के बाद अब राजधानी की सड़कों पर “हेमंत से क्या दिक्कत है” का उमड़ता सवाल, दिखने लगा झामुमो कार्यकर्ताओं का आक्रोश