हेमंत को कमतर आंकने की भूल, 2024 में डूबा ना दे भाजपा की नैया! ईडी, छापेमारी और समन जेएमएम की कमजोरी नहीं अब ताकत

तो क्या झारखंड के आदिवासी मूलवासी समाज में सियासी सामाजिक भागीदारी की वह भूख नहीं है, जो उसे अपने चेहरे के साथ खड़ा करने को विवश करें, क्या सिर्फ कथित भ्रष्टाचार के शोर में वह अपने नेतृत्व से किनारा कर लेगा, और भ्रष्टाचार भी वह, जिसका हर दूसरा सिरा खुद भाजपा नेताओं की ओर बढ़ता नजर आता है, नहीं तो क्या कारण है कि रघुवर दास को राज्यपाल बनाकर झारखंड की सियासत से विदा करने को मजबूर होना पड़ा

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