पंचायत चुनाव के बाद अब निगम निकाय में पिछड़ों का डब्बा गोल! सत्ता पक्ष की चुप्पी तो विपक्ष भी है खामोश

यहां बता दें कि एक अनुमान के अनुसार राज्य में पिछड़ी जातियों की जनसंख्या करीबन 54 फीसदी की है, साफ है कि यदि कोर्ट के फैसले के दवाब में सरकार की ओर से अधिसूचना जारी करने की पहल की जाती है, तो निश्चित रुप से 2024 के लोकसभा चुनाव में यह विपक्षी दलों के हाथ में इस सरकार के खिलाफ बड़ा मुद्दा होगा, और इसके साथ ही विभिन्न ओबीसी संगठनों की ओर से भी मोर्चेबंदी की जा सकती है.

पंचायत चुनाव के बाद अब निगम निकाय में पिछड़ों का डब्बा गोल!  सत्ता पक्ष की चुप्पी तो विपक्ष भी है खामोश