SC-STऔर पिछड़ी जातियों की गोलबंदी से कर्नाटक फतह के बाद अब झारखंड में भी कांग्रेस लगा सकती है बड़ा दांव

किन फिर से वही सवाल, झारखंड में जेएमएम के रहते कांग्रेस के पास इस सामाजिक समीकरण को साधने का कितना अवसर है?  झारखंड में उसकी चुनौतियां गंभीर है, बड़ा  सवाल तो चहेरे का है, आज भी  उसके बाद कोई दमदार आदिवासी, दलित और पिछड़ा चेहरा नहीं है, और अल्पसंख्यों को तोड़ना भी बेहद मुश्किल है.

SC-STऔर पिछड़ी जातियों की गोलबंदी से कर्नाटक फतह के बाद अब झारखंड में भी कांग्रेस लगा सकती है बड़ा दांव