गोड्डा/दुमका: प्रकृति ने झारखंड को बड़ी ही खूबसूरती से सजाया और संवारा है. ऊंची ऊंची पहाड़ियां, हरे भरे पेड़ और कल कल बहती नदियां यहां की पहचान है. लेकिन कभी कभी यही खूबसूरती यहां के लोगों के लिए अभिशाप साबित हो जाता है.
हम बात कर रहे है राजधानी रांची से सैकड़ों किलोमीटर दूर गोड्डा जिला के सुंदर पहाड़ी प्रखंड की. नाम के अनुरूप यहां की प्राकृतिक खूबसूरती बरबस लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है. यह प्रखंड पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र में आता है. इसकी गिनती राज्य के सबसे दुरूह प्रखंडों में होती है. प्रखंड के कई गांव ऐसे हैं जहाँ पहुचने के लिए पगडंडी ही एक मात्र सहारा है. इन पगडंडियों के सहारे सरकार की विकास योजनाएं गांव तक पहुचते पहुचते दम तोड़ देती है. यही वजह है कि समय समय पर बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर यह प्रखंड समाचार पत्रों की सुर्खियां बनती है.
108 आपातकालीन सेवा से मुश्किलें हुई कम
ऐसे दुरूह क्षेत्र में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से झारखंड में डायल 108 आपातकालीन सेवा के तहत एम्बुलेंस सेवा मुहैया कराया गया है. यह सेवा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत उपलब्ध कराया गया है. इसका मकसद हादसे में घायल को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाना, परिवार में किसी बीमार व्यक्ति या बुजुर्गों को घर से स्वास्थ्य जांच करवाने के लिए अस्पताल ले जाना, गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी के लिए तुरंत सेवा उपलब्ध कराना है. यह सेवा 24 घंटे उपलब्ध कराई जाती है.
तकनीशिन और चालक बना मसीहा
सरकार की इस योजना से लोग किस हद तक लाभान्वित हो सकते है इसकी एक बानगी गोड्डा में देखने को मिली. दरअसल सुंदर पहाड़ी प्रखंड के नंदू पहाड़ी गांव में जब एक महिला को प्रसव वेदना शुरू हुई तो परिजनों ने एम्बुलेंस के लिए 108 पर डॉयल किया. कॉल करने के कुछ समय बाद एम्बुलेंस पहुँच गया. प्रसव वेदना से तड़पती महिला को एम्बुलेंस के सहारे सदर अस्पताल लाया जा रहा था. लेकिन जब प्रसव पीड़ा असहनीय हो गयी तो चालक ने सड़क किनारे एम्बुलेंस रोक दिया. एम्बुलेंस पर चालक के साथ एक तकनीशियन की मौजूदगी भी रहती है. महिला के परिजन और सहिया के सहयोग से पवन राणा और चालक भीम कुमार ने मिलकर सुरक्षित प्रसव कराया. दोनों ने अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए जच्चा और बच्चा की जान बचाकर बेहतरीन मिसाल पेश किया है. लोग इनके कार्यों की जमकर तारीफ कर रहे हैं. वाकई यह सेवा सुदूर वटी ग्रामीण क्षेत्र के लिए वरदान साबित हो रही है. सुंदर पहाड़ी जैसे दुरूह प्रखंड में आज अगर यह सेवा उपलब्ध नहीं होती तो शायद हम यही कहते की झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था खाट पर टिकी है.
गोड्डा से अजित के साथ दुमका से पंचम झा की रिपोर्ट