दुमका(DUMKA):जब दुमका रेलवे स्टेशन परिसर में कोयला रैक बनाने की घोषणा की गई उसी समय से रेलवे स्टेशन के समीप रसिकपुर मोहल्ला और आस पास के गांव के लोग विरोध कर रहे हैं.लोगों के विरोध को दरकिनार कर लगभग 2 वर्ष पूर्व कोयला रैक को चालू कर दिया गया.पाकुड़ से सड़क मार्ग से कोयला दुमका रेलवे स्टेशन परिसर में डंप किया जाता है, और गुड्स ट्रैन से देश के अन्य हिस्सों में भेजा जाता है. कोयला रैक चालू होने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है.कोयला डस्ट आस पास के घरों तक पहुंच रहा है. इसको लेकर लोगों ने रविवार को एक वीडियो भी जारी किया है.
नौंवे हफ्ते आंदोलन कारियों ने कोयला रैक हटाओ की तख्ती के साथ प्रदर्शन किया]
आम लोगों की परेशानी को देखते हुए स्थानीय लोगों ने कोयला रैक को सघन अधिवास से दूर स्थानांतरित करने की मांग को लेकर जगह जगह आवेदन दिया, आरजू मिन्नतें भी की.इसके बाबजूद जब समाधान नहीं निकला, तो लोग निकल पड़े चरणबद्ध आंदोलन की राह पर. धरना और विरोध प्रदर्शन के बाद स्थानीय लोगों ने कोयला रैक स्थानांतरित होने तक प्रत्येक रविवार को स्टेशन परिसर में धरना देने का निर्णय लिया. आज रविवार को 9वें हफ्ते भी लोगों ने धरना दिया.आंदोलन का नेतृत्व कर रहे रविशंकर मंडल ने कहा कि दुमका रेलवे स्टेशन पर बने कोयला रैक को जब तक नहीं हटाया जाएगा, आंदोलन चलता रहेगा. नौंवे हफ्ते आंदोलन कारियों ने कोयला रैक हटाओ की तख्ती के साथ प्रदर्शन किया.जिसमें स्थानीय लोगों के साथ कोयला डस्ट से परेशान यात्रियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
सभी निजी और सरकारी विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों पर प्रभाव डाल रहा है डस्
रवि शंकर मंडल ने कहा कि कोयला रैक अब रसिकपुर वासियों के साथ दुमका इंजीनियरिंग कॉलेज, राजकीय पोलिटेकनिक, एसपी कालेज, आइटीआइ, मेडिकल कॉलेज के साथ आसपास बने सभी निजी और सरकारी विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों पर प्रभाव डाल रहा है.आस पास रहनेवाले लोगों को अब डस्ट की वजह से हमेशा अपने घरों को बंद रखना पड़ रहा है, बावजूद घरों के छतों पर काफी डस्ट जमा हो रहा है. इस मामले को लेकर लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है.स्थानीय विधायक, सांसद और राजनीतिक दलों के साथ जिला प्रशासन और रेलवे प्रशासन इस मामले में गंभीर नहीं हो रहा है, जबकि यहां के ग्रामीण कोयला रैक से उड़ने वाले डस्ट से परेशान हैं.अब आंदोलन तभी रूकेगा जब कोयला रैक हटाया जाएगा.
रिपोर्ट-पंचम झा