दुमका(DUMKA):रघुवर दास के शाषन काल में झारखंड में पोषण सखी का चयन किया गया था. अल्प मानदेय पर तमाम तरह के सरकारी कार्यों में इनसे सहयोग लिया जाता था. समय के साथ सत्ता बदली. हेमंत सोरेन सीएम बने. पूर्ववर्ती रघुवर दास के शासन काल के कई निर्णय को वापस ले लिया गया. उसमें से एक है पोषण सखी की सेवा समाप्ति. एक झटके में हजारों पोषण सखियां बेरोजगार हो गयी. सेवा वापसी की मांग को लेकर पोषण सखी द्वारा चरणबद्ध आंदोलन चलाया जा रहा है. एक बार फिर जब हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी और चम्पई सोरेन की ताजपोशी के बाद पोषण सखी संघ आंदोलन को रणनीति बनाने में जुटी है.
आंगनबाड़ी कर्मचारी पोषण सखी संघ की जिला इकाई की बैठक हुई
इसी कड़ी में रविवार को दुमका के पुराना समाहरणालय परिसर में झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी कर्मचारी पोषण सखी संघ की जिला इकाई की बैठक हुई.बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष निर्मला किस्कू ने की, जबकि प्रदेश संरक्षक विजय कुमार दास एवं जिला कोषाध्यक्ष माहेश्वरी मुर्मू मुख्य रूप से शरीक हुए.बैठक में पोषण सखी की सेवा वापस करने की मांग को लेकर आंदोलन का निर्णय लिया गया. 26 फरवरी 2024 को पोषण सखी द्वारा डीसी कार्यालय के समक्ष थाली बजाकर धरना दिया जाएगा.
मांगे पूरी नहीं होने पर लोकसभा और मत का बहिष्कार करेंगी पोषण सखी
बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश संरक्षक विजय कुमार दास ने कहा कि पोषण सखी की सेवा अगर वापस नहीं होती है, तो लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पोषण सखी अपने मत का बहिष्कार करेंगी. वहीं जिला अध्यक्ष निर्मला किस्कू ने कहा कि 26 फरवरी के आंदोलन को सफल बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में पोषण सखी को आना है.कोषाध्यक्ष माहेश्वरी मुर्मू ने कहा कि अब हम चुप नहीं बैठेंगे.अपना अधिकार के लिए लड़ेंगे.
रिपोर्ट-पंचम झा
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