रांची (RANCHI): 1000 करोड़ के अवैध खनन मामले में मनी लांड्रिंग के तहत अनुसंधान के दौरान गिरफ्तार आरोपी पंकज मिश्रा को 30 जुलाई 2022 को रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. रिम्स के डॉक्टरों द्वारा उन्हें 30 नवंबर को ही डिस्चार्ज किया जा चुका था. इसके बावजूद 4 दिसंबर तक रिम्स अस्पताल में ही पंकज मिश्रा भर्ती थे.रिम्स के डॉक्टरों ने सीआईपी, रिनपास या किसी नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती करने की सलाह दी थी. 30 नवम्बर को ही पुलिस की टीम पंकज मिश्रा को लेने गई थी, पर उन्होंने वहां से जाने से इनकार कर दिया. अब उन्हें जबरन सीआईपी ले जाया गया.
सीआईपी के मनोचिकित्सक करेंगे इलाज
5 दिसंबर सोमवार को जवानों को बुलाकर पंकज मिश्रा को जबरन रिम्स के पेइंग वार्ड से सीआईपी ले जाया गया है.अब मनोचिकित्सक पंकज मिश्रा का इलाज करेंगे. पुलिस के जवानों के द्वारा जबरन कमरा को खाली कराया गया. पंकज मिश्रा का रिम्स के पेइंग वार्ड में इलाज चल रहा था.
नशीली दवाएं लेने के आदि हैं पंकज मिश्रा
बता दें कि पंकज मिश्रा कई नशीली दवाएं लेने के आदि रह चुके हैं, जिसकी वजह से उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. पंकज मिश्रा को इलाज कर रहे डॉक्टरों को परेशानी हो रही थी .
उधर बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के अधीक्षक से हो रही पूछताछ
वहीं प्रवर्तन निदेशालय ने पंकज मिश्रा मामले में बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के अधीक्षक हामिद अख्तर से रांची में एयरपोर्ट रोड स्थित अपने कार्यालय में पूछताछ शुरू कर दी है. सुबह हामिद अख्तर ईडी के दफ्तर पहुंचे. कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद ईडी के अधिकारियों ने उनसे पूछताछ शुरू की.