धनबाद(DHANBAD): झारखंड में अब सादे पान मशाला पर भी प्रतिबंध लगेगा. साथ ही सिविल सर्जन और ड्रग इंस्पेक्टर भी कार्रवाई की जद में आएंगे. सिविल सर्जन - ड्रग इंस्पेक्टर जिनके इलाके में प्रतिबंधित नशीले पदार्थ की बिक्री पकड़ी जाएगी, उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि दवा दुकानों की तत्काल जांच शुरू की जाए. कई मेडिकल स्टोर्स में नशीली सिरप और नशीली दवायें बेची जा रही है. जिससे युवा नशे की ओर बढ़ रहे है. मंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी सिविल सर्जन और ड्रग इंस्पेक्टर के इलाके में अगर प्रतिबंधित नशीले पदार्थ की बिक्री पकड़ी जाएगी. तो वह कार्रवाई के दायरे में आएंगे.
स्वास्थ्य मंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वास्थ्य मुख्यालय में राज्य स्तरीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम में बोल बुधवार को बोल रहे थे. इस कार्यक्रम में राज्य में गुटका और नशीली दवाओं के बढ़ते प्रचलन पर चिंता व्यक्त की गई. कहा गया कि यह जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ है. ऐसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने साफ कहा कि सादा पान मशाला भी प्रतिबंधित किया जाएगा. क्योंकि इसके नाम पर दुकानों में खुलेआम गुटखा बेचा जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि गुटखा और तंबाकू उत्पादों के सेवन से झारखंड के युवा शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर हो रहे है. जिससे वह गलत राह पकड़ रहे है.
उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी हालत में इसे बर्दाश्त नहीं करेगी. बता दे कि पिछले साल पुलिस ने झारखंड के सात जिलों- खूंटी, गुमला, पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला, हजारीबाग, चतरा व लातेहार में नशे के कारोबार से जुड़े 366 स्पॉट को चिह्नित किया था . आंकड़ों के अनुसार, खूंटी ऐसा जिला है, जहां सबसे अधिक 296 स्थल नशे के उत्पाद के लिए पूरे राज्य में चर्चित हैं.जबकि, लातेहार जिले में सबसे अधिक 106 लोग अभी नशे के कारोबार में शामिल हैं. वहीं, पूर्वी सिंहभूम जिले में सबसे अधिक 16 हॉट स्पॉट हैं, जहां पर नशीले पदार्थ की बिक्री होती है. चिह्नित हॉट स्पॉट पर कार्रवाई के लिए सीआइडी मुख्यालय के स्तर से एक्शन प्लान भी तैयार किया गया था .
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो