जामताडा (Jamtara):- महिजाम के रहने वाले योगेंद्र तिवारी एक शराब कारोबारी के साथ-साथ कई धंधों में भी अपने पैर जमाए हुए थे . लगातार उनकी हैसियत, रसुख और दौलत बढ़ती ही गई . लेकिन, बीतते वक्त के साथ समय का पहिया मानों अब घूम गयो हो. शराब घोटाले में ईडी की छापेमारी के बाद उनकी गर्दन फंसती जा रही है . कई जगहों पर ईडी छापेमारी कर रही है. इससे पहले योगेन्द्र तिवारी ने 15 करोड़ से अधिक की अघोषित संपत्ति अर्जीत की है. इसका खुलासा दो दिनों तक चले आय़कर छापेमारी के बाद हुआ. पिछले 21 मार्च को आयकर विभाग की ओर से हुई कार्रवाई में जामताड़ा के शराब कारोबारी योगेन्द्र तिवारी की कंपनी पर आघोषित आमदनी के आरोप प्रमाणित हुआ था . इसके बाद आय़कर विभाग ने समन जारी कर योगेन्द्र तिवारी को 27 मार्च को पूछताछ के लिए हाजिर होने का आदेश या था. आईटी डिपार्टमेंट की टीम ने कारोबारी भवानी फेरस प्राइवेट लिमिटेड क भी जांच के दायरे में लिया था . सर्वे के दौरान मिले दस्तावेज के आधार पर शराब कारोबारी की कंपनी के निदेशक मंडल ने 15 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति अर्जीत रने की बात स्वीकार की थी.
आपको बता दे योगेन्द्र तिवारी मूल रूप से जामताड़ा के मिहिजाम के रहने वाले हैं. इनके पिता चितरंजन लोकोमोटिव में कार्यरत थे. झारखंड के शराब किंग योगेन्द्र तिवारी को माना जाता है. फिलहाल जिस शराब नीति पर झारखंड में व्यपार चल रहा है , वो भी ईडी के जांच के दायरे में है. नयी शराब नीति को लेकर उत्पाद सचिव विनय चौबे औऱ उत्पाद आय़ुक्त से ईडी पूछताछ कर चुका है. जो छत्तीसगढ़ में हुई थी. छत्तीसगढ़ में चल रही शराब नीति भी जांच के दायरे में है.
रिपोर्ट- आर.पी सिंह