टीएनपी डेस्क(Tnp desk):- हिन्दुस्तान को आजाद होने में दो शताब्दियां लग गई, कई बलिदान, आंदोलन और अंतहीन दर्द पुरुखों और पीढ़ियों ने देखा और गुजारा. तब जाकर देश स्वतंत्र हुआ और आज हमारा देश भारत दुनिया में एक अलग ही मुकाम रखता है. उसकी एक अलग पहचान और हैसियत है.
15 अगस्त 1947 को देश की आजादी का दिन मनाया जाता है. इस दिन ही गुलामी की जंजीरों को तोड़कर हिन्दुस्तान आजाद हुआ था और इसके बाद ही अंगड़ाई लेनी शुरु की . आजादी का इतिहास तो अपने आप में गौरवशाली और कुर्बानियों वाला रहा है. लेकिन, स्वतंत्रता हासिल करने के तीन साल बाद देश ने 26 जनवरी 1950 को अपना संविधान अपनाया और आधिकारिक तौर पर खुद को एक स्वतंत्र गणराज्य के तौर पर स्थापित किया. उस वक्त गणतंत्र दिवस के पहले मुख्य अतिथि इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुकर्णों थे. आईए उन दिनों की तस्वीरें कैसी थी, देश ने 26 जनवरी 1950 को कैसे पहला गणतंत्र दिवस मनाया था आपको दिखाते हैं.
15 अगस्त को 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद भारतीय संविधान की ओर यात्रा शुरु हुई. स्थायी संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए 29 अगस्त 1947 को डॉ. बी.आर अंबेदकर की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था. 4 नवंबर 1947 को समिति ने संविधान सभा को संविधान प्रस्तुत किया.
भारत का संविधान जिसके शुरुआत में 145000 शब्द थे, जो दुनिया का सबसे लंबा संविधान है और इसमे अपनाने के बाद 100 बार संशोधन किया गया.इसने शासकीय पाठ के रुप में ब्रिटिश औपनिवेशिक भारत सरकार अधिनियम (1935) का स्थान ले लिया. 26 जनवरी 1950 को संविधान प्रस्तावना लागू हुई. जो भारत के एक संप्रभु गणराज्य के परिवर्तन का प्रतीक है.
संविधान धर्म, जाति, नस्ल, लिंग औऱ जन्म स्थान की परवाह किए बिना सभी नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान करता है और प्रत्येक नागरिकों के लिए मौलिक कर्त्वयों की रुपरेखा तैयार करता है.