धनबाद (DHANBAD) : धनबाद के भाजपा विधायक राज सिन्हा रविवार को रेलवे के खिलाफ आक्रामक मूड में दिखे. उन्होंने कहा कि शनिवार को वह नहीं थे अन्यथा देखते कि रेलवे के बुलडोजर में कितना दम है. शनिवार को अतिक्रमण हटाने के दौरान धनबाद रेल पुलिस ने परिसर से बाहर की आवंटित दुकानों को भी टारगेट किया. स्टेशन रोड कि एक तरफ किनारे आवंटित दुकानों को भी खाली करने को कहा गया है. यहां लगभग डेढ़ सौ आवंटित दुकाने है. रविवार को विधायक राज सिन्हा उपायुक्त से मुलाकात की और रेलवे की कथित मनमानी से उन्हें अवगत कराया. विधायक के साथ दुकानदार प्रतिनिधि भी थे.
सोमवार को होगी प्रशासनिक और रेल अधिकारियो की बैठक
उपायुक्त ने सोमवार को दोपहर बैठक बुलाने का आश्वासन दिया, जिसमें रेल अधिकारियों को भी बुलाने की बात कही गई है. राज सिन्हा ने कहा कि रेलवे पूरी तरह से मनमानी पर उतर आया है. उन्होंने कहा कि धनबाद के पूर्व सांसद योगेश्वर प्रसाद योगेश की पहल पर रेलवे को पैसा देकर बिहार सरकार ने दुकानें आवंटित की. यह आवंटन आज भी जारी है. दुकान का किराया एसडीओ कार्यालय में जमा होता है. आज भी जमा हो रहा है लेकिन रेलवे इस आवंटन सहित भाड़े के रसीद को भी फर्जी बता रहा है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि शनिवार को वह धनबाद में नहीं थे, नहीं तो देखते कि रेलवे के बुलडोजर में कितना दम है. आज वह इस संबंध में उपायुक्त से मिले हैं. उनसे आग्रह किया है कि रेलवे के इस मनमानी को रोका जाये.
नहीं चलने दिया जाएगा रेलवे की मनमानी को
अगर रेलवे अपनी मनमानी को नहीं रोकता है तो न्यायालय की शरण में जाएंगे, जरूरत पड़ी तो रेल मंत्री तक पहुंचेंगे लेकिन दुकानदारों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे. विधायक ने यह भी कहा कि अगर रेलवे को किसी परियोजना के लिए इस जमीन की जरूरत है तो इसका वैकल्पिक उपाय भी करना रेलवे का ही काम है. दुकानों के पीछे रेलवे के खाली जगह पड़े हुए हैं, रेलवे अगर चाहे तो दुकानों को पीछे करा सकता है लेकिन बिना बातचीत किए, बिना जानकारी लिए, सीधे दुकान खाली करने का फरमान नहीं चलेगा.
रिपोर्ट : सत्यभूषण सिंह, धनबाद