धनबाद(DHANBAD): कोल इंडिया में कई ग्रेड के अधिकारी, कर्मचारियों से भी कम वेतन पाते है. यह खबर आपको चौंका सकती है. लेकिन यह स्थिति कई वर्षों से बनी हुई है. सूत्र बताते हैं कि कोयला वेतन समझौता- 9 होने के बाद से ही यह स्थिति बनी हुई है. कोयला अधिकारियों का संगठन इसको लेकर एक बार फिर सक्रिय हुआ है. कोयला मंत्री के दरवाजे पर दस्तक दी है. अधिकारियों से भी मुलाकात की है. अपनी मनोदशा को बताया है. वैसे, तो अधिकारियों का संगठन कोयला मंत्री से मिलकर अपनी मांगों की सूची दी है. लेकिन उस मांग में महारत्न कंपनी की तर्ज पर कोयला अधिकारियों का वेतन बढ़ाने की मांग प्रमुखता से की गई है. कोयला अधिकारियों का संगठन वेतन विसंगति, पे अपग्रेडेशन, कोलफील्ड भत्ता जैसे लंबित प्रमुख मांगो के समाधान की भी मांग की है. कोयला अधिकारियों का संगठन कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी तथा कोयला राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे से दिल्ली में मुलाकात की है. साथ ही कहा है कि कोल् इंडिया बोर्ड द्वारा भेजे गए अधिकारियों के अपग्रेडेशन को जल्द से जल्द स्वीकृति दी जाए.
कोल् इंडिया बोर्ड के प्रस्ताव को जल्द मिले मंजूरी
कोल् इंडिया बोर्ड द्वारा भेजे गए अधिकारियों के वेतन अपग्रेडेशन की स्वीकृति मिल जाने से अधिकारियों का वेतन कर्मचारी से कम होने की, जो भी वि संगति पैदा हुई है, वह दूर हो सकती है. कोयला अधिकारियों ने यह भी कहा है कि वह कठिन परिस्थितियों में काम करते है. अधिकारियों की फिक्स पेंशन को केंद्र के दूसरे विभागों की पेंशन के समान करते हुए डीए से भी जोड़ा जाए. गंभीर बीमारियों से जूझ रहे अधिकारियों को केवल 6 महीने का विशेष अवकाश मिलता है. इसे भी बढ़ाया जाए, वेज बोर्ड कर्मचारियों के बच्चों के समान ही अधिकारियों के बच्चों को भी सरकारी संस्थाओं से तकनीकी एवं पेशेवर डिग्री कोर्स करने पर ट्यूशन फीस का भुगतान कंपनी करे. यह अलग बात है कि हाल के दिनों में कोल इंडिया ने कई नियमों में क्रांतिकारी परिवर्तन लाते हुए कर्मचारी एवं अधिकारियों को सुविधाएं दी है. इनमें प्रमोशन का मुद्दा, आश्रितों का मुद्दा आदि शामिल है. बता दे कि कोल इंडिया के कर्मचारियों के आश्रितों को नियोजन की नई नीति के बाद अधिकारियों के आश्रितों के नियोजन के नियम में भी संशोधन कर दिया गया है.
प्रबंधन ने किये है कई बदलाव ,जानिए एक -एक को
प्रबंधन ने अधिकारियों के आश्रितों के अनुकंपा पर नियोजन संबंधी नीति में संशोधन करते हुए गैर अधिकारियों की तरह कम उम्र के बच्चे को लाइव रोस्टर में शामिल करने तथा परिवार में किसी आश्रित के नौकरी में रहने के बाद भी अनुकंपा पर दूसरे आश्रित को नौकरी देने पर सहमति दे दी है. पूर्व में अधिकारियों की मौत पर कम उम्र के बच्चे का नाम लाइव रोस्टर में शामिल करने का प्रावधान नहीं था. परिवार का कोई सदस्य यदि कहीं भी नौकरी में है, तो दूसरे आश्रित को नौकरी नहीं मिलती थी. अब संशोधित नीति के अनुसार यदि किसी अधिकारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके पति या पत्नी के पास अनुकंपा पर नौकरी का विकल्प होगा. शर्त यही होगा की आयु 45 वर्ष से कम होनी चाहिए. 18 वर्ष से अधिक और 35 वर्ष से कम आयु वाले अधिकारियों के आश्रितों को भी अनुकंपा पर नौकरी दी जाएगी. आश्रित बेटा या बेटी 18 वर्ष पूरा होने के बाद ही अनुकंपा पर नौकरी के लिए योग्य होंगे. अभी हाल ही में कोल इंडिया ने कर्मचारियों के आश्रितों के नियोजन के नियम में परिवर्तन किया है और अब अधिकारियों के आश्रितों के नियोजन के नियम को भी लचीला बना दिया गया है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो