चाईबासा(CHAIBASA):चाईबासा राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय योजनाओं को लम्बित रखने वाले संवेदक को अब नए कार्य आवंटित नहीं किया जायेगा.लघु सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता फनी भूषण ने सभी कार्यकारी एजेंसी से एकरारनामा अवधि पार होने के बाद कार्य को लम्बित रखने वाले संवेदकों की लिस्ट मांगी है.अब कार्य आवंटित नहीं करने की कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी. फनी भूषण ने कहा कि सभी एजेन्सी को अपने अधीन कार्य को लम्बित रखनेवाले संवेदकों की सूची को सार्वजनिक किए जाने की आवश्यकता है.
अब योजना लंबित रखने वाले ठेकेदारों को नहीं मिलेगा नया काम
कार्यपालक अभियंता ने कहा कि ऐसे बहुत सारे संवेदक हैं, जो राज्य और जिला स्तरीय योजनाओं को लम्बित रखा है और शपथ पत्र में इसकी जानकारी नहीं दी है. वैसे संवेदकों को चिन्हित किया जाना आवश्यक है.ऐसे कई संवेदक टेंडर मैनेज करके कार्य क्षमता से अधिक निविदा में भाग लेकर कार्य आवंटित किए जाने की भी शिकायत मिली है.लघु सिंचाई विभाग के चाईबासा कार्य प्रमण्डल में बहुत ऐसे संवेदक हैं, जो दिबार सूची में हैं. यानी समय पर कार्य को लम्बित रखा है,वैसे ठिकेदार दूसरे एजेंसी में काम ले रहें हैं,जिस पर रोक लगाने और दंडनात्मक कार्रवाई करने की आवश्यकता है.
इन 26 संबंधित ठेकेदारों की सूची विभाग को भेजी गई है
इस सम्बंध में लघु सिंचाई विभाग, चाईबासा के कार्यपालक अभियंता फनी भूषण ने सभी कार्यकारी एजेंसी से एकरारनामा अवधि पार होने के बाद कार्य को लम्बित रखने वाले ठेकेदारों की सूची मांगी है. उन्होंने ऐसे ठेकेदारों को नया काम भी नहीं देने का आदेश दिया है. उन्होंने 26 संबंधित ठेकेदारों की सूची भी विभाग को भेजी है. इसमें आस्था कंस्ट्रक्शन, मतियस तुबिड, मेसर्स चौधरी कंस्ट्रक्शन, नरसिंह निषाद, मेसर्स नव्य कंस्ट्रक्शन, मेसर्स राज नंदन भाई पटेल, सुशील ट्रेडर्स, लीलावती इंटरप्राइजेज, अजीत कुमार सिन्हा, मेसर्स दीपक ठाकुर, आदित्य विक्रम तिरिया, मेसर्स अरसान कंस्ट्रक्शन, पुष्पांजलि इंजीकोन प्राईवेट लिमिटेड, संजय कुमार अखाड़ा, श्री साई राम कौन्ट्रैक्टर्स प्राईवेट लिमिटेड, मेसर्स फ्रेन्ड्स कंस्ट्रक्शन, एमडी असगर अली, मेसर्स नेपाल महतो, राज किशोर बोयपाई, जय भवानी कंस्ट्रक्शन, मेसर्स शंकर बिल्डर्स, चंदन कुमार झा, अमल महतो, राजा कंस्ट्रक्शन, श्री शुभम कंस्ट्रक्शन एवं साई कंस्ट्रक्शन शामिल हैं.
जानिए क्यों ठेकेदारों को नहीं मिलेगा नया काम
आपको बताये कि पश्चिम सिंहभूम जिले के विभिन्न क्षेत्रों, खासकर नक्सल प्रभावित सारंडा, कोल्हान, पोड़ाहाट के जंगलों में दर्जनों विकास योजनाएं संचालित हैं, जो कार्य समाप्ति की तिथि पार होने के बाद भी अधूरा है. ऐसे कई ठेकेदार हैं जो कई कार्य का ठेका लिये हुये हैं और एक भी काम पूरा नहीं किया है. इसी वजह से योजनाओं को लम्बित रखने वाले ठेकेदारों को नये कार्य आवंटित नहीं करने का फैसला विभाग ने लिया है. ऐसे ठेकेदारों की सूची मांगी गई है.
रिपोर्ट-संतोष वर्मा