रांची(RANCHI): झारखंड राज्य आज, 15 नवंबर 2022 को अपना 22वां स्थापना दिवस मना रहा है. स्थापना दिवस के मौके पर हर साल की तरह इस साल भी मोरहाबादी मैदान में राज्य सरकार की ओर से भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. लेकिन इस साल वो हुआ जो राज्य बनने के 22 साल के इतिहास में कभी नहीं हुआ था. दरअसल, इस वर्ष के कार्यक्रम में सबसे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मुख्य अतिथि बनाया गया था लेकिन अचानक उनके झारखंड दौरे में बदलाव के बाद यह समारोह में उनकी उपस्तिथि नहीं हुई. वो रांची से उलिहाति गई और वहां से वापस रांची एयरपोर्ट पहुंचने के बाद सीधे मध्य प्रदेश के जबलपुर के लिए रवाना हो गई.
राज्यपाल को भेजा गया बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रण
राष्ट्रपति के दौरे में बदलाव के बाद झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को मोरहाबादी कार्यक्रम का मुख्य अतिथि बनाया गया था लेकिन राष्ट्रपति के बाद राज्यपाल ने भी राज्य और हेमंत सरकार के सरकारी कार्यक्रम से दूरी बना ली है. बता दें कि मोरहाबादी में आयोजित कार्यक्रम में जाने से पहले सीएम हेमंत सोरेन राजभवन पहुंचे थे. जहां उन्होंने राज्यपाल के साथ धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की थी.
राज्यपाल के खिलाफ सरकार लगातार कर रही है हमला
राज्य की हेमंत सरकार लगातार राज्यपाल रमेश बैस पर हमला कर रही है. रमेश बैस पर केंद्र की भाजपा सरकार का साथ देने का आरोप जेएमएम लगाती रही है. बता दें कि राज्यपाल एक संवैधानिक पद है और राज्य सरकार द्वारा उन पर लगातार हमला किया जा रहा है. मिली जानकारी के अनुसार हेमंत सोरेन पर भ्रष्टाचार का आरोप है और ईडी की कार्रवाई चल रही है इसलिए राज्यपाल ने सरकारी कार्यक्रम से दूरी बनाई. वहीं, दूसरी ओर सूत्रों की मानें तो राज्यपाल पर सरकार की ओर से लगातार विवादित बयानबाजी की वजह से भी उन्होंने सरकारी कार्यक्रम से दूरी बनाई है.
राज्यपाल के पास है ECI से आया पत्र
बता दें कि सीएम से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले का पत्र इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने राज्यपाल रमेश बैस को भेज दिया है. लेकिन राज्यपाल ने अभी तक पत्र को सार्वजनिक नहीं किया है. वहीं, जेएमएम लगातार राज्यपाल से पत्र को सार्वजनिक करने की मांग कर रही है. लेकिन पत्र सार्वजनिक नहीं किया गया है. जिसके बाद से ही जेएमएम लगातार राज्यपाल पर हमलावर है.
अंतिम समय में शिबु सोरेन बनें मुख्य अतिथि
बता दें कि राज्यपाल कार्यक्रम में नहीं पहुंचे, जिसके बाद राज्यसभा सांसद और दिशोम गुरु शिबु सोरेन को समारोह का मुख्य अतिथि बनाया गया. आपको बता दें कि 22 साल के झारखंड में ऐसा पहली बार हुआ है जब मुख्य अतिथि को लेकर ऐसी असमंजस की स्थिति बनी है.