टीनपी डेस्क (TNP DESK) : शिक्षकों का आंदोलन तेज होने की ओर है. शिक्षकों द्वारा बार-बार वार्ता का आग्रह करने के बावजूद सरकार उन्हें वार्ता के लिए नहीं बुला रही है. एक तरफ शिक्षक नियुक्ति के लिए बिहार लोक सेवा आयोग से विज्ञापन आ चुका है. मगर दूसरी तरफ शिक्षकों सहित अभ्यर्थियों में गुस्सा कायम है. दोनों तरफ तनातनी की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में शिक्षक आंदोलन के लिए कभी धरना दे रहे, तो कभी हस्ताक्षर अभियान चला रहें, मगर महागठबंधन की पांच पार्टियों की मांग के बावजूद सरकार और शिक्षक संघ के बीच अब तक कोई वार्ता नहीं हो पाई है.
शिक्षक संघ की मांग
शिक्षक संघों की मांग है कि सरकार बीपीएससी से परीक्षा लिए बिना नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दे. साथ ही साथ शिक्षक समान कार्य के बदले समान वेतन की भी मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार का इसमे कहना है किबीपीएससी से निकाली गई वेकेंसी के जरिए नियोजित शिक्षक भी राज्य कर्मी बन सकते हैं. एक लाख 70 हजार 461 पदों पर नई वैकेंसी है. बिहार में नियोजित शिक्षकों की संख्या चार लाख के लगभग है. इसलिए यह संभव ही नहीं कि सभी नियोजित शिक्षक पास कर भी गए मगर राज्य कर्मी नहीं बन सकते.
तेजस्वी ने किया ट्वीट
बीते दिन बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि- 'कल ही बिहार में एक दिन, एक ही विभाग में 1,70461 शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर विज्ञप्ति जारी हुई है. पुलिस में 75000 भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.' तेजस्वी यादव ने बिहार राज्य सहकारी बैंक एवं जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों के नव नियुक्त सहायकों को नियुक्ति पत्र वितरित की.अब उनके इस ट्वीट पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं. तेजस्वी के इस ट्वीट पर के व्यक्ति ने कहा कि तेजस्वी सर आप तो कहते थे कि हम सरकार में आते ही 7 वें चरण के सीटीईटी, बीटीईटी, एसटीईटी पास अभ्यर्थियों को स्कूल में भेजने के लिए नियुक्ति पत्र देंगे लेकिन आप प्रवेश पत्र देने लगे, जितने हमलोग तीन साल में प्रताड़ित नहीं हुए आप ने 8 महिने में ही कर दिखाया