पटना(PATNA)-जातीय जनगणना और पिछड़ों के आरक्षण विस्तार के बाद भाजपा की जमीनी ताकत कितनी शेष रह गई है, इसका एक नजारा आज राजधानी के बापू सभागार में देखने को मिला. झलकारी बाई जयंती कार्यक्रम के बहाने पान बुनकर समाज को अपने पाले में लाने की भाजपा की कोशिश को तब बड़ा झटका लगा, जब 20 हजार की भीड़ जुटाने का दावा करने के बाद महज दो सौ की भीड़ जुटाते जुटाते भाजपा की पूरी टीम हांफती नजर आने लगी. यह स्थिति तब थी जब बिहार भाजपा के तमाम कद्दावर नेता मंच पर एक साथ मौजूद थें. इनमें नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा, हरि सहनी, सुशील कुमार मोदी, मंगल पांडेय, नंद किशोर यादव से लेकर नित्यानन्द राय की भी धमाकेदार मौजूदगी थी.
प्रशासन ने भीड़ की आशंका के मद्देनजर पूरा ट्रैफिक रूट कर दिया था डायवर्ट
और इसी दावे के कारण प्रशासन की ओर से पूरा ट्रैफिक रूट तक डायवर्ट कर दिया गया था, ज्ञान भवन और बापू सभागार में कार्यक्रम को देखते हुए राजापुर पुल की तरफ से आने वाले ऑटो, ई रिक्शा एकता भवन से ही डायवर्ट कर दिया गया था, इसके साथ ही कार्यक्रम में आने वाले सभी बसों को जेपी सेतु से गंगा पथ की ओर भेजकर वहीं पार्क करवाने की योजना तैयार की गयी थी, वहीं जेपी गोलंबर से कारगिल चौक की तरफ से आने वाली बसों का परिचालन राम गुलाम चौक, बाकरगंज मोड़ करवाते हुए करवाने का निर्णय लिया गया था.
पोस्टर बैनरों से पाट दिया गया था राजधानी पटना
दरअसल जिस तरीके से पूरी राजधानी को पोस्टर और बैनरों से पाटा गया था, उसके बाद हर कोई मान कर चला रहा था कि निश्चित रुप से एक बड़ी भीड़ जुटने वाली है. लेकिन भाजपा के साथ ही प्रशासन को भी अपनी तैयारियों पर तब पछतावा नजर आया. जब आशा के विपरीत महज दो सौ लोगों की भीड़ ही जुट सकी.
भीड़ नहीं जुटने के भाजपा के अंदर बेचैनी
भीड़ नहीं जुटने से खुद भाजपा के अंदर भी निराशा देखी जाने लगी, कार्यक्रम में बदलाव कर इसे 1.30 में शुरु करने का निर्णय लिया गया, लेकिन 1.30 का टाइम भी पार गया, भीड़ जुटने के बजाय स्थिति और भी बदतर होने लगी, लोग उठ जाने लगे, इसके बाद आनन फानन में मौजदू लोगों को सबसे आगे की पंक्ति में बैठाकर किसी प्रकार कार्यक्रम की शुरुआत कर इसकी औपचारिकता पूरी करने की कोशिश की गयी. लेकिन इस बीच सबसे रोचक किस्सा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी का रहा, जैसे ही उन्हे इस बात की खबर लगी कि कार्यक्रम स्थल पर तो महज दो सौ लोगों की उपस्थिति है, सम्राट चौधरी ने कार्यक्रम से किनारा कर लिया.
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