TNP DESK-जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रुप में सीएम नीतीश की ताजपोशी की खबर के मायने अभी निकाले ही जा रहे थें कि अब बिहार से एक दूसरी बड़ी खबर सामने आ गयी, दावा किया जा रहा है कि बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने 6 जनवरी से शुरु होने वाले अपने विदेशी दौरे को रदद् कर दिया है. और इसके साथ ही बिहार की सियासत में पारा हाई होने लगा, दोनों खबरों के बीच अंतर्संबंध की तलाश की जाने लगी, यह आकलन किया जाने लगा कि क्या राष्ट्रीय अध्यक्ष के रुप में सीएम नीतीश की ताजपोशी से भी इसका कोई संबंध है, आखिर तेजस्वी यादव ने एन वक्त पर अपना विदेशी दौरे को रद्द क्यों कर दिया?
दोनों खबरों को एक साथ मिलाकर सियासत के बदले नब्ज को समझने की कोशिश जारी
दरअसल नीतीश कुमार कई बार सार्वजनिक रुप से इस बात का एलान कर चुके है कि यह सीएम के रुप में उनकी अंतिम पारी है, अब आने वाला दिन तेजस्वी यादव जैसे युवाओं का है, अब तेजस्वी के कंधों पर ही बिहार को आगे बढ़ाने और विकास के इस रफ्तार को बनाये रखने और तेज करने की जिम्मेवारी है. और हालांकि उनके इस बयान के बाद जदयू के अंदर असंतोष की खबर आने लगी, उपेन्द्र कुशवाह तो इस बयान के आहत होकर पार्टी छोड़ कर ही चले गयें, तेजस्वी की ताजपोशी की आशंका भर से उन्हे अपना सियासी कैरियर डूबता नजर आने लगा, लेकिन अब जबकि जदयू की कमान एक बार फिर से सीएम नीतीश के हाथ में आ चुकी है. तो क्या सीएम नीतीश ने पार्टी की कमान को अपने हाथ में इसलिए लिया ताकि तेजस्वी की ताजपोशी को अंतिम मुकाम तक पहुंचाया जा सकें और इस फैसले के बाद यदि पार्टी में कोई बगावत की स्थिति भी बने तो खुद आगे बढ़कर उसका समाधान किया जाय. अब देखना होगा कि आने वाले चंद दिनों में इसको लेकर क्या खबर आती है, लेकिन इतना तय है कि बिहार पिछले कुछ दिनों से लगातार राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में हैं, इस हालत में यदि एक और सुर्खी देखने को मिले तो आश्यर्च नहीं होगा. हालांकि इस खबर को लेकर जदयू और राजद की ओर से प्रतिक्रिया नहीं आयी है, लेकिन अब इन दोनों खबरों को आपस में मिलाकर बिहार की बदलती सियासत पर कयासबाजियों का दौर शुरु हो चुका है.
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