Ranchi-राम मंदिर उद्घाटन के अवसर पर घर घर अक्षत बांट कर अयोध्या आने के आमंत्रण को भाजपा का पाखंड बताते हुए राजद नेत्री अनीता देवी ने कहा है कि दलित पिछड़ों के घर तो पहले से ही खाली है, वंचित तबकों को आज अक्षत की नहीं संविधान की जरुरत है, ताकि वंचित तबका अपने हक हकूक के प्रति जागरुक हो सकें, उसे भी सियासी और सामाजिक भागीदारी प्राप्त हो सकें, मंदिर का यह रास्ता उसे कहीं भी नहीं ले जाने वाला है, उसके हाथ में संविधान की प्रति होगी, तब ही उसकी जिंदगी में खुशाहाली और समृद्धि आयेगी, नहीं तो इस पाखंड के चक्कर में उसकी सियासी सामाजिक भागीदारी को चूना लगाया जाता रहेगा, और भाजपा को वंचित तबकों को चूना लगाने में महारत हासिल कर चुका है, इसीलिए हर दिन एक नया सियासी ड्रामा खड़ा किया जाता है. क्या कभी किसी ने भाजपा नेताओं को दलित पिछड़ें और आदिवासी समाज की सामाजिक तरक्की के लिए कोई आन्दोलन करते देखा है, क्या कभी उसने हमारे पिछड़ेपन को दूर करने के लिए कोई मुहिम चलायी है. उसकी साजिश सिर्फ हमें पाखंड की ओर ढकेलने का है. ताकि उसकी दुकानदारी चलती रहे और वह राम के नाम पर सत्ता का सूख भोगता रहे.
मंदिर की सियासत अपनी लूट को बचाने की साजिश- शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर
इस बीच राजद नेता और शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने भी अक्षत वितरण कार्यक्रम को निशाने पर लिया है, उन्होंने दावा किया है कि जिस स्थान को भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए निर्धारित किया गया वह तो शोषण का स्थल है, मंदिर का रास्ता मानसिक गुलामी का रास्ता. स्कूल का रास्ता प्रकाश का रास्ता. जब हर आदमी में राम हैं, तो फिर उसको ढूढ़ने की क्या जरुरत. मीडिया कर्मियों से सवाल करते हुए प्रोफेसर चन्द्रशेखर ने कहा कि यदि आपको चोट लगेगी तो कहां जायेगे, अस्पताल या मंदिर. समाज का वंचित तबका उसी चोट का शिकार है, जिसका इलाज स्कूलों में हैं, मंदिर जाने से इस समाज को कुछ भी नहीं मिलने वाला है. हालांकि प्रोफेसर ने इस बात को भी स्वीकार किया कि वह मंदिर जाते रहे हैं, लेकिन यह रास्ता खुशहाली और समृृद्धि का रास्ता नहीं होकर मानसिक गुलामी का रास्ता है.