रांची(RANCHI): प्रधानमंत्री मोदी की झारखंड यात्रा को एक फोटो शूट बताते हुए झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य गहरा तंज कसा है, उन्होंने कहा कि जब पांच राज्यों में चुनाव सामने खड़ा है, हर राज्य में भाजपा की जीत के सामने आदिवासी समाज दीवार बन कर खड़ा है, आज के दिन किसी भी राज्य में भाजपा के हिस्से जीत आती दिखलाई नहीं आ रही, इस बेबसी में पीएम मोदी को धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की याद आती है, दस वर्षों के बाद उनकी नींद टूटती है और वह दौड़े दौड़े झारखंड पहुंच जाते हैं, ताकि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज के यह संदेश दे सकें कि उनके भगवान बिरसा मुंडा के लिए उनके सीने में अथाह प्रेम है.
इतना भोला भी नहीं है आदिवासी समाज
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री यह भूल जाते हैं कि आज का आदिवासी समाज इतना भी बेबकूफ नहीं है, उसे अपने दोस्तों और दुश्मनों की बेहद खुबसूरत पहचान है, उसे पता है कि यह प्यार नकली है, यह दुलार झलावा है, क्योंकि वह इस बात को भूला नहीं है कि अभी चंद माह पहले ही मणिपुर में उनकी महिलाओं के साथ किस तरह की बर्बरता हुई थी. किस प्रकार आदिवासी समाज की महिलाओं को नग्ण कर उनका सामूहिक बलात्कार किया गया था, किस प्रकार उनकी बस्तियों को जलाया गया था, किस प्रकार आदिवासियों को अपना घर बार छोड़ कर कैंम्पों में शरण लेने के लिए बाध्य किया गया था. और इन कैंपों की हालत भी यह थी कि उसके बाहर निकलते ही उन्हे आग के हवाले किया जा रहा था.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री रांची पंहुचे तो अपनी परंपरा और आतिथ्य भाव के कारण झारखंड ने उनको पूरा सम्मान दिया, लोगों को यह भी लगा कि प्रधानमंत्री का यह दौरा झारखंडियों के लिए कोई सौगात लेकर आया होगा. इस दौरे में झारखंडियों सरना धर्म कोड की सौगात मिलेगी. लेकिन प्रधानमंत्री तो आदिवासी समाज को निराश कर चले गयें. वह तो खाली हाथ आये थें.
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