रांची(RANCHI): प्रधानमंत्री मोदी के झारखंड दौरे को महज एक चुनावी स्टंट बताते हुए झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने दावा किया है कि उनकी यात्रा से आदिवासी मूलवासी समाज को गहरी निराशा हाथ लगी है. झारखंड का आदिवासी समाज को इस बात का विश्वास था कि प्रधानमंत्री अपने इस दौरे में उनकी पुरानी मांग सरना धर्म कोड को लेकर कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री तो खाली हाथ झारखंड आये थें, उनके पास झारखंड के आदिवासी मूलवासी समाज के लिए कुछ भी नहीं था, उनकी यात्रा चुनावी था, धरती आबा बिरसा मुंडा के चरण स्पर्श कर वह छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में आदिवासी वोट बटोरने की रणनीति के तहत आये थें. ताकि आदिवासी समाज की सवारी कर इन राज्यों में भाजपा की नैया पार हो सके.
आदिवासी समाज को बेवकूफ समझने की भूल कर रहे हैं पीएम मोदी
सुप्रियो भट्टाचार्य ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री यह भूल जाते हैं कि आज का आदिवासी समाज इतना भी बेबकूफ नहीं है, उसे अपने दोस्तों और दुश्मनों की बेहद खुबसूरत पहचान है, उसे पता है कि यह प्यार नकली है, यह दुलार झलावा है, क्योंकि वह इस बात को भूला नहीं है कि अभी चंद माह पहले ही मणिपुर में उनकी महिलाओं के साथ किस तरह की बर्बरता हुई थी. किस प्रकार आदिवासी समाज की महिलाओं को नग्ण कर उनका सामूहिक बलात्कार किया गया था, किस प्रकार उनकी बस्तियों को जलाया गया था, किस प्रकार आदिवासियों को अपना घर बार छोड़ कर कैंम्पों में शरण लेने के लिए बाध्य किया गया था. और इन कैंपों की हालत भी यह थी कि उसके बाहर निकलते ही उन्हे आग के हवाले किया जा रहा था.
प्रधानमंत्री के दौरे पर झारखंडियों ने अपनी परंपरा के अनुकूल उनका सम्मान किया
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री रांची पंहुचे तो अपनी परंपरा और आतिथ्य भाव के कारण झारखंड ने उनको पूरा सम्मान दिया, लोगों को यह भी लगा कि प्रधानमंत्री का यह दौरा झारखंडियों के लिए कोई सौगात लेकर आया होगा. लेकिन प्रधानमंत्री के पास झारखंडियों के लिए कोई सौगात नहीं थी.
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