Ranchi- राष्ट्रीय मीडिया में नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन का संयोजक बनाने की खबरों के बीच 21 जनवरी को रामगढ़ की प्रस्तावित रैली को सफल बनाने की तैयारियां तेज हो चुकी है. बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री और झारखंड प्रदेश अशोक चौधरी ने इस रैली को सफल बनाने का मोर्चा संभाल लिया है. इसी तैयारी के मद्देनजर छह जनवरी को राजधानी रांची के सोलकीं चौक पर जदयू का कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें अशोक चौधरी के साथ ही जदयू प्रदेश अध्यक्ष खीरु महतो की उपस्थिति के दावे भी किये जा रहे हैं.
रामगढ़ से होगी सीएम नीतीश के देश व्यापी दौरे की शुरुआत
यहां बता दें कि नीतीश कुमार रामगढ़ से अपने देशव्यापी दौरे की शुरुआत करने वाले हैं. जिसके बाद यूपी और हरियाणा में उनकी रैली प्रस्तावित है. हालांकि अभी भी इंडिया गठबंधन का संयोजक की पेच में फंसा दिखलायी दे रहा है. यदि इंडिया गठबंधन की ओर से उन्हे संयोजक बनाने की घोषणा कर दी जाती है, तो इस दौरे और भी गति प्रदान की जायेगी. लेकन बावजूद इसके नीतीश की इंट्री से झारखंड की सियासत में कई बदलाव के दावे किये जा रहे हैं. सियासी जानकारों का मानना कि अब तक झारखंड की सियासत में सीएम नीतीश की उपस्थिति उस रुप में नहीं रही है, लेकिन यदि 2024 के पहले पहले सीएम नीतीश झारखंड में अपनी गतिविधियों को तेज करते हैं, तो इसका सीधा सियासी लाभ सीएम हेमंत को मिल सकता है, हालांकि इसके बदले में झामुमो को लोकसभा की एक दो सीटों की कुर्बानी भी देनी पड़ सकती है, दावा किया जाता है कि राज्य के 26 फीसदी आदिवासी मतदाताओं पर झामुमो की जो पकड़ है, वह पकड़ आज के दिन राज्य के 16 फीसदी कुर्मी मतदाताओं पर नजर नहीं आती, हालांकि आज भी उसके पास मथुरा महतो जैसे कद्दावर नेता की मौजूदगी है, लेकन झारखंड टाईगर जगरनाथ महतो की मृत्यु के बाद झामुमो में एक खालीपन जरुर है. इस कमजोर कड़ी को दुरुस्त करने सबसे मजबूत हथियार सीएम नीतीश है. क्योंकि देश की कुर्मी पॉलिटिक्स में आज के दिन उनके चेहरे के बराबर कोई चेहरा नहीं है, इसके साथ ही अति पिछड़ी जातियों में उनकी अच्छी पकड़ है. इस बीच खबर यह भी है कि रामगढ़ रैली में सीएम नीतीश की उपस्थिति में राज्य के कई चर्चित चेहरे जदयू का दामन थामने की तैयारी में है. इसमें सबसे बड़ा चेहरा भाजपा के पूर्व सांसद राम टहल चौधरी का है. दावा किया जा रहा है कि रामटहल चौधरी रांची संसदीय सीट से अपने बेटे को जदयू का प्रत्याशी बनाने की चाहत में हैं. हालांकि इंडिया गठबंधन के तहत रांची संसदीय सीट किस घटक दल के हिस्से रहेगी, अब तक इस पर संशय की स्थिति है.