Ranchi- सियासी गलियारों की चर्चाओं और भाजपा के दावों को नकारते हुए सीएम हेमंत ने पत्नी कल्पना सोरेन को सीएम की कुर्सी सौंपनी की तमाम खबरों को राजनीतिक दुष्प्रचार बताया है. बावजूद इसके राज्य के अगले सीएम के रुप में कल्पना सोरेन का नाम तेजी से लोगों की जुबान पर हैं, दावा यह किया जा रहा है कि इसका फैसला तो महागठबंधन बैठक में लिया जायेगा, यदि सर्वसम्मत राय से कल्पना सोरेन के नाम पर सहमति बन जाती है तो फिर सीएम हेमंत के पास इस अनुरोध को नकारने का कोई विकल्प शेष नहीं रहेगा.
महिलाओं के साथ ही राज्य की एक बड़ी आबादी युवाओं को मिल सकता है पसंदीदा चेहरा
कल्पना के नाम पर सियासी बैटिंग करते राजनीतिक विश्लेषकों का दावा है कि यह पहला मौका होगा जब राज्य की कमान किसी महिला के पास होगी, कल्पना के रुप में राज्य की आधी आबादी को उनका प्रतिनिधित्व और झामुमो को एक चमकदार चेहरा भी मिल जायेगा. जिस चेहरे के बुते झामुमो अब एक लम्बी पारी खेलने की स्थिति में होगा, कल्पना ना सिर्फ एक पढ़ी लिखी महिला हैं बल्कि इसके साथ ही युवा हैं, राज्य की एक बड़ी आबादी युवाओं की हैं, उनके अपने सपने और सरोकार हैं, कल्पना उस युवा पीढ़ी को साधने में बेहद मददगार साबित हो सकती है.
हालांकि इस बीच महागठबंधन की बैठक से पहले कांग्रेस ने अपने विधायकों की बैठक बुलाकर सियासी सरगर्मी तेज कर दी है. और दावा किया जा रहा है कि सीएम हेमंत को चौतरफा संकट में घिरता देख कर कांग्रेस भी सत्ता की इस रेबड़ी में अपने हिस्से मलाई की खोज रही है. इस दावे को बड़कागांव से पूर्व विधायक योगेन्द्र साव के उस बयान से भी बल मिला है कि वर्तमान सरकार में कांग्रेस की पूछ नहीं है, कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की आवाज नहीं सुनी जा रही है, जिसके कारण उन्हे अपने समर्थकों के बीच मुश्किल हालात का सामना करना पड़ रहा है.
कांग्रेस खेमे का दावा सब कुछ सामान्य, बैठक से सरकार को मिलेगी मजबूती
हालांकि दूसरा तर्क यह भी है कि यह कांग्रेस की सामान्य बैठक है, प्रदेश की प्रभारी कमान लेने के बाद गुलाम अहमद मीर की यह पहली झारखंड यात्रा है, और मीर ने तमाम विधायकों के साथ संवाद कायम करने के लिए ही यह बैठक बुलाई है, लेकिन खबर यह भी कुछ विधायकों ने इस बैठक से दूरी बना ली है, जानकारी के अनुसार अब तक इस बैठक में दीपिका पांडेय और कुछ दूसरे विधायक नहीं पहुंचे हैं, जिसके बाद यह आकलन किया जा रहा है कि कांग्रेस के अंदर सब कुछ सामान्य नहीं है, और यहीं से सत्ता में उचित हिस्सेदारी की मांग की अफवाह सियासी फिजाओं में तैरने लगी है.
सियासी सूत्रों का दावा डिप्टी सीएम की मांग पर अड़ सकती है कांग्रेस
दावा किया जा रहा है कि अपने विधायकों की इस नाराजगी को दूर करने के लिए इस बार कांग्रेस सरकार में डिप्टी सीएम की मांग की जा सकती है, हालांकि इसका खुलासा महागठबंधन की बैठक में ही होगा. वहीं दूसरी खबर यह भी है कि भले ही सीएम हेमंत कल्पना सोरेन के नाम को भाजपा का दुष्प्रचार बता रहे हों, लेकिन कांग्रेस सहित राजद के द्वारा कल्पना सोरेन के नाम को अगले सीएम चेहरे के रुप में प्रस्तावित किया जा सकता है, जिसके बाद सीएम हेमंत के सामने महज इस पर अपनी औपचारिक मुहर लगाने की जरुरत होगी, और यह दावा भी किया जायेगा कि यह उनका फैसला नहीं होकर महागठबंधन के तमाम विधायकों को एक सूर से लिया गया फैसला था. लेकिन बड़ा सवाल डिप्टी सीएम की मांग को लेकर हैं, क्या सीएम हेमंत सत्ता का दो केन्द्र बनने देने की राह पर चलने का फैसला करेंगे, या अंत समय में सब कुछ सामान्य हो जायेगा. और यह बैठक दरअसल कांग्रेस के अंदर की गुटबाजी को दूर करने की कवायद भर है