Ranchi-कथित जमीन घोटाले में पूर्व सीएम हेमंत की गिरफ्तारी को झामुमो अब चुनावी संघर्ष का हथियार बनाती नजर आने लगी है, उसकी कोशिश इस गिरफ्तारी को आदिवासी-मूलवासी समाज के बीच झारखंडी अस्मिता पर हमले के रुप में परोसने की है. अभी गिरफ्तारी के दो दिन भी नहीं हुए थे कि झामुमो महासचिव सुप्रियो ने दावा किया है कि झामुमो बहुत ही जल्द भाजपा के अनलाफुल पॉलिटिकल एक्ट पर एक श्वेत पत्र लेकर सामने आयेगी, जिसमें भाजपा की हर उस गुनाह का जिक्र होगा, जो झारखंड के आम अवाम और आदिवासी-मूलवासी समाज के सपनों के साथ किया है.
हर दल के आदिवासी-मूलवासी नेता अब एक मंच पर आयें
सुप्रियो ने कहा कि खाऊंगा, ना खाने दूंगा के नारे के साथ देश के सामने आने वाले पीएम मोदी का आज एक ही नारा है, ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा, सिर्फ अडाणी-अम्बानी को खिलाउंगा. जो भी इनकी राह में आयेगा, उनको जेल के अंदर भेजाऊंगा. हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को आदिवासी-मूलवासियों के लिए खतरे की घंटी बताते हुए झामुमो महासचिव सुप्रियो ने तमाम दलों के आदिवासी-मूलवासी नेताओं को साथ आने का आह्वान किया है, उन्होंने कहा कि भाजपा-आजसू के आदिवासी-मूलवासियों नेताओं को भी इस मुद्दे पर साथ आना चाहिए. यह सिर्फ किसी व्यक्ति को जेल में डालने भर का मामला नहीं है, यह तो आदिवासी-मूलवासी समाज का जुबान छीनने की संघी साजिश है. यह समय यह देखने का नहीं है कि कौन भाजपा में हैं और कौन आजसू के साथ, यह वक्त सिर्फ यह देखने का है इस खतरे का प्रतिकार कैसे किया जाय. जब आपकी अस्मिता ही सलामत नहीं रहेगी, आपकी जुबान ही आपसे छीनने की साजिश रची जायेगी, उस हालत में आप कहीं भी रहें, यह साजिश एक दिन आपको भी निगल जायेगी.
सरयू राय, कमलेश सिंह के साथ ही अमित यादव से भी साथ आने का आह्वान
इसके साथ ही हेमंत की गिरफ्तारी को लोकतंत्र पर हमला बताते हुए सुप्रियो ने कहा कि आज सरयू राय से लेकर कमलेश सिंह जैसे नेताओं को एक बार अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की जरुरत है, क्योंकि यदि लोकतंत्र का गला इसी तरह घोंटा जाता रहा है, तो यह खतरा एक दिन उन पर मंडरायेगा. फैसला उनको लेना है, वह किस पक्ष में जाते हैं, झारखंड की जनता सब कुछ याद रखेगी, यहां का आदिवासी मूलवासी समाज यह याद रखेगा कि जब उसके बेटे पर आफत आयी थी, जब झारखंड की अस्मिता को रौंदा जा रहा था, तब आप कहां खड़े थें.
भाजपा-आजसू में सेंधमारी की कोशिश में झामुमो?
आजसू भाजपा के आदिवासी मूलवासी नेताओं से भावूक अपील करते हुए सुप्रियो ने कहा कि यह जमीन आपकी है, यह झारखंड आपका है, और खास कर आजसू जो हमेशा से झारखंडी अस्मिता की बात करती है, अब उन्हे सोचना होगा कि यदि हमारी अस्मिता ही नहीं रहेगी तो हम अपनी इस सियासत का क्या करेंगे. झारखंडी अस्मिता की हिफाजत ही हमारी सियासत है, और आज खतरा इसी पर मंडरा रहा है, बल्कि सामने खड़ा है, फैसला आपको करना है.
सुप्रियो की भावुक अपील के मायने
सुप्रियो के इस भावूक अपील के बाद यह सवाल खड़ा होने लगा है कि क्या झामुमो अब हेमंत सोरेन की इस गिरफ्तारी को मुद्दा बना कर अब आजसू भाजपा के आदिवासी मूलवासी नेताओं को पाला बदलने के लिए उकसा रही है, इशारा तो कुछ इसी ओर संकेत कर रहा है, हालांकि देखना होगा कि इसका परिणाम क्या सामने आता है, लेकिन इतना साफ है कि झामुमो अब हेमंत की इस गिरफ्तारी को 2024 का सबसे बड़ा सियासी मुद्दा बनाने जा रही है.
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