Ranchi- झारखंड की सियासत में हॉट सीट के रुप में तब्दील हो चुके गांडेय विधान सभा चुनाव में बाबूलाल के पुराने सिपहसलार दिलीप वर्मा के कंघे पर कमल खिलाने की जिम्मेवारी होगी. आज भाजपा ने इसका औपचारिक एलान कर दिया और इसके साथ दिलीप वर्मा कौन की खोज शुरु हो गयी, सोशल मीडिया से लेकर सियासी गलियारों में दिलीप वर्मा का नाम सुर्खियों में आ गया. इस हालत में सवाल खड़ा होता कि दिलीप वर्मा कौन है?
2015 में मुखिया पद से हुई थी सामाजिक जीवन की शुरुआत
यहां बता दें कि दिलीप वर्मा के सामाजिक जीवन की शुरुआत वर्ष 2015 में ग्राम प्रधान पर विजय के साथ हुई थी, तब दिलीप वर्मा ने गिरिडीह जिले का पांडेडीह प्रखंड से मुखिया का चुनाव जीता था और इसके ठीक बाद वर्ष 2019 में वह इसी गांडेय विधान सभा तात्कालीन झाविमो के बैनर तले विधान सभा में इंट्री की कोशिश की थी. लेकिन 8,952 मतों के साथ छठे स्थान पर संतोष करना पड़ा था. फिलहाल वह भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष के रुप में कार्यरत है. बता दें कि इस बार गांडेय विधान सभा से पूर्व सीएम हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन का चुनावी अखाड़े में उतरने की चर्चा तेज है. कल्पना सोरेन लगातार गांडेय में कैम्प कर रही है, उनके झामुमो की पूरी टीम मोर्चा संभाल चुकी है. इस हालत में दिलीप वर्मा के सामने इस सीट को निकालने की बड़ी चुनौती होगी. याद रहे कि इस सीट पर पहली बार लक्षमण स्वर्णकार ने 1995 में कमल खिलाया था, जिसके बाद भाजपा को पूरे 19 वर्ष का इंतजार करना पड़ा, जब जयप्रकाश वर्मा ने भाजपा के इस सूखे को समाप्त किया, लेकिन बदली सियासी परिस्थितियों में आज वह जय प्रकाश वर्मा भी आज झामुमो के साथ खड़े हैं. इस हालत में यह देखना दिलचस्प होगा कि दिलीप वर्मा कल्पना सोरेन की राह रोकने में कामयाब होंगे या फिर कल्पना का जादू बोलेगा.
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