Ranchi- जहां एक तरफ झारखंड के सियासी गलियारों में राज्य के नये सीएम के रुप में कल्पना सोरेन की ताजपेशी की चर्चा तेज थी, वहीं अचानक से सीएम हेमंत के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू और उनके करीबियों पर ईडी की छापेमारी से झारखंड की सियासत में नया भूचाल होता नजर आने लगा है. सोशल मीडिया से लेकर तमाम चैनलों में अचानक से कल्पना सोरेन को पीछे छोड़ते हुए अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू और उनके जुड़ी खबरें सुर्खियां बनने लगी है, इधर लोगों के जेहन में एक ही सवाल भी उमड़ने लगा है कि कौन है यह पिंटू, और झामुमो से क्या है इनका नाता, आखिर ईडी इस नाम के सहारे सीएम हेमंत पर अपना शिकंजा फैलाने की कोशिश क्यों कर रही है, क्या सीएम हेमंत की गिरफ्तारी के पहले ईडी अभिषेक प्रसाद को अपने हिरासत में लेने का मन बना चुकी है. और यदि यह गिरफ्तारी हो भी जाती है तो इसका सीएम हेमंत के सियासी सेहत पर क्या असर पड़ने वाला है.
सरकार के चेहरे में बदलाव की खबरों के बीच ईडी की गतिविधियां खड़ी कर रही कई सवाल
यहां हम बतां दे कि आज सुबह से ही ईडी पूरे राज्य में बेहद एक्टिव मोड में हैं, राजधानी स्थित पिंटू श्रीवास्तव के आवास पर उनके अधिकारी पहुंच चुके हैं, बाहर पुलिस कर्मियों की भारी तैनाती है, किसी भी शख्स को अंदर जाने और बाहर आने की इजाजत नहीं दी जा रही है. झारखंड में सीएम चेहरे के बदलाव की खबरों के बीच सीएम हेमंत के करीबियों पर ईडी की यह तेजी सियासी हलकों में कई आशंकाओं को जन्म दे रहा है, दावा किया जा रहा कि सीएम हेमंत की गिरफ्तारी से पहले ईडी उनके तमाम करीबियों को दबोचना चाहती है, यही कारण है कि एक तरफ पिंटू श्रीवास्तव के आवास पर छापेमारी हो रही है तो दूसरी तरफ सीएम हेमंत के बेहद करीबी रहे विनोद सिंह और रोशन के आवास पर भी ईडी की दस्तक हो चुकी है.
सीएम हेमंत के पारिवारिक मित्रों में होती है अभिषेक प्रसाद की गिनती
ध्यान रहे कि अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू श्रीवास्तव की गिनती सीएम हेमंत के बेहद करीबियों में होती है, दावा किया जाता है कि कि अभिषेक प्रसाद सिर्फ सीएम हेमंत के प्रेस सलाहकार ही नहीं है, बल्कि उनके पारिवारिक मित्र भी हैं. सीएम हेमतं की हर गतिविधियों में उनकी सहभागिता रहती है. लेकिन इसके साथ ही अभिषेक प्रसाद पर अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करते हुए जमीन कारोबारियों को मदद पहुंचाने का आरोप भी लगता रहा है. संथाल खनन घोटाले में भी इनकी सहभागिता की चर्चा है, और इस मामले में पहले ही ईडी ने करीबन 10 घंटों तक इनसे पूछताछ की थी, हालांकि उसके बाद इन्हे ईडी की ओर से कोई दूसरा समन जारी नहीं हुआ. लेकिन अब अचानक से ईडी ने उनके आवास पर छापेमारी करने का फैसला किया है, हालांकि इस छापेमारी किस प्रसंग में की जा रही है, इसका खुलासा अभी नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि इस छापेमारी का संबंध मनीलांड्रिग से जुड़ा हुआ है. ईडी को इस बात की आशंका है कि अभिषेक प्रसाद मनीलांड्रिग का बड़ा खेल कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर से इस छापेमारी को सियासी बदले की कार्रवाई से भी जोड़ कर देखा जा रहा है, सत्ता से जुड़े सूत्रों का दावा है कि ईडी का मकसद बेहद साफ है, वह किसी भी कीमत पर राज्य की निर्वाचित सरकार को अपने आकाओं के आदेश पर बेदखल करना चाहती है, सीएम हेमंत तक अपनी पहुंच बनाने के पहले उनके करीबियों पर हाथ साफ करना चाहती है, ताकि सीएम हेमंत के उपर आरोपों का पुलिंदा तैयार किया जा सकें.
एक पत्रकार के रुप में हुई थी पिंटू श्रीवास्तव की शुरुआत
यहां बता दें कि पत्रकार के रुप में अपनी कैरियर की शुरुआत करने वाले अभिषेक प्रसाद का हेमंत सोरेन और उनके परिवार के साथ लम्बे समय दोस्ती है. दावा किया जाता है कि पिंटू के साथ सीएम हेमंत की जान पहचान पत्रकारिता के पेशे के दौरान ही हुई थी, पत्रकारिता की यह मुलाकात धीरे धीरे निजी रिश्तों में तब्दील होता चला गया और जब हेमंत सोरेन ने सीएम की कुर्सी संभाली तो अभिषेक प्रसदा को प्रेस सलाहकार नियुक्त कर दिया, लेकिन सीएम हेमंत के साथ उनकी यह नजदीकी विपक्ष को नहीं भाया, और उनके खिलाफ कई तरह के दावे किये जाने लगें, हालांकि उन खबरों में तथ्य कितना और भ्रम की चासनी कितनी है, इसका फैसला बेहद मुश्किल है. लेकिन इतना तय है कि अभिषेक प्रसाद पर ईडी अपना शिंकजा जिस तेजी से बढ़ा रहा है, वह सीएम हेमंत के लिए परेशानी पैदा करने वाला साबित हो सकता है.