रांची(RANCHI): अपनी सरकार की चार वर्षों की उपलब्धियों का एक एक ब्योरा पेश करते हुए हेमंत सोरेन ने 2024 के महासंग्राम का सिंहनाद कर दिया है. राजधानी रांची के मोरहावादी मैदान में सीएम हेमंत के भाषणों और तेवर से इस बात की झलक मिल रही है कि अब वह पूरी तरह से चुनावी यात्रा पर निकल चुके हैं. जिसके निशाने पर भाजपा और केन्द्र की सरकार है, उन्होंने एलानिया तौर पर झारखंड की इस बदहाली के लिए पूर्ववर्ती भाजपा सरकारों को जिम्मेवार बताया है और साथ ही वर्तमान केन्द्र सरकार को डबल इंजन का डबल धोखा करार दिया. सीएम हेमंत ने दावा किया कि केन्द्र की भाजपा सरकार के द्वारा झारखंड के हिस्से की कोयले की रॉयल्टी पर रोक लगा दी गयी है, बार बार का आरजू के बावजूद केन्द्र सरकार झारखंड को उसका हिस्सा देने को तैयार नहीं है. और यह स्थिति आज की नहीं है, जब कथित रुप से डबल इंजन की सरकार थी, तब भी केन्द्र सरकार का यही रवैया था, लेकिन तब की डबल इंजन की सरकार में अपना अधिकार मांगने की हिम्मत ही नहीं थी, यदि आज भी केन्द्र सरकार हमारा हिस्सा दे दें, कोयले की रॉयल्टी का भुगतान कर दे तो झारखंड में विकास की यह रफ्तार दुगनी हो सकती है, लेकिन हम जानते हैं कि वह देने वाले नहीं है, उनका रवैया सौतेला है.
आदिवासी-मूलवासियों के प्रति भाजपा के दिल में दर्द नहीं
उनके लिए झारखंड के आदिवासी-मूलवासियों के प्रति दर्द नहीं है, उनका भी विकास हो और वह भी मुख्यधारा का हिस्सा बने, उनके घरों में समृद्धि आये भाजपा को यह स्वीकार नहीं है. इसके बावजूद भी हमारी सरकार ने हिम्मत नहीं हारा, और अपने संसाधनों के बल पर झारखंड की तस्वीर बदलने का संकल्प लिया. यही कारण है कि जब केन्द्र सरकार ने झारखंड के हिस्से के आवास को यूपी को देने का फैसला कर लिया, यहां के आदिवासी-मूलवासियों को बेघर रखने का रास्ता अख्तियार कर लिया तो हमारी सरकार ने खुद के पैसे से केन्द्र सरकार के दो कमरे के आवास के बदले तीन कमरे का आवास प्रदान करने का फैसला किया.
लेकिन केन्द्र सरकार को इस पर भी आपत्ति है, वह इसकी राह में भी रोड़ा लगाने की साजिश कर रहा हैं, लेकिन हम हिम्मत नहीं हारने वाले हैं, भले ही समय लगे, दो वर्ष लगे या चार वर्ष लेकिन हम झारखंड के हर गरीब के छत पर आवास प्रदान कर रखेंगे, और यह दो कमरे का मकान नहीं होगा, बाजाप्ते तीन कमरों का खूबसूरत आवास होगा, उसमें किचेन भी होगा और शौचालय भी.
लोकसभा चुनाव के पहले पेंशन की उम्र 50 वर्ष करने का एलान
इसके साथ ही सीएम हेमंत ने राज्य के तमाम दलित और आदिवासियों को 50 वर्ष की उम्र पार करते ही वृद्धा पेंशन देने का एलान किया, सीएम हेमंत की इस घोषणा को 2024 के लोकसभा से पहले एक बड़ा एलान मान जा रहा है. क्योंकि इस घोषणा के बाद राज्य का एक बड़ा तबका इस योजना के घेरे में आ जायेगा. निश्चित रुप से आगे चल कर इसे चुनाव में भूनाने की कोशिश की जायेगी. हालांकि इसके साथ ही सीएम हेमंत ने राशन से लेकर अपनी दूसरी योजनाओं का भी जिक्र किया और इस बात का दावा भी पेश किया कि आने वाली सरकार भी उनकी ही बनने वाली है. लेकिन उनका मुख्य फोकस पेंशन, आवास, सिंचाई ,रोजगार और शिक्षा से जुड़ी योजनाएं ही नजर आ रही है.