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बगैर हेमंत की इंट्री के फंस सकता है छत्तीसगढ़ में कांटा! बावजूद इसके इस तुरुप के पत्ते को आजमाने से बचती दिख रही है कांग्रेस

बगैर हेमंत की इंट्री के फंस सकता है छत्तीसगढ़ में कांटा! बावजूद इसके इस तुरुप के पत्ते को आजमाने से बचती दिख रही है कांग्रेस

Ranchi- कांग्रेस आज जिन पांच राज्यों में भाजपा के मुकाबले मैदान में अपना दम खम दिखला रही है और यह दावा कर रही है कि वह अपने ही बूते पीएम मोदी के कथित आंधी को रोकने में सक्षम है. उसमें से छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कांग्रेस के लिए सीएम हेमंत तुरुप का पत्ता साबित हो सकते हैं. छत्तीसगढ़ में आदिवासी समुदाय की आबादी करीबन 30 फीसदी है. झारखंड की 28 सीटों की तुलना में छत्तीसगढ़ मे 29 सीटें अनुसूचित जनजाति और 10 सीटें अनुसूचित जाति के लिए के लिए आरक्षित हैं. लम्बे समय से झामुमो की नजर इस आदिवासी बहुल राज्य पर लगी हुई है. वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में तो झामुमो ने छत्तीसगढ़ की सभी सीटों पर अपना प्रत्याशी उतारने का मन बना लिया था, लेकिन एन वक्त पर कांग्रेस की ओर से मान मनौवल का दौर शुरु हुआ. जिसके बाद आखिरकार झामुमो ने अपना कदम पीछे खींच लिया. लेकिन बावजूद इसके कांग्रेस को इसका लाभ नहीं मिला और रमन सिंह की सरकार तीसरी बार सत्ता में वापस आने में कामयाब हो गयी. यदि उस समय भी कांग्रेस ने बड़ा दिल दिखलाते हुए झामुमो के साथ समझौता कर लिया होता तो माना जाता है कि रमन सिंह की सरकार की 2013 में ही विदाई हो गयी होती.

आदिवासियों के लिए सुरक्षित 29 सीटों में से सिर्फ तीन पर भाजपा

ध्यान रहे कि 2013 में आदिवासी समुदाय के सुरक्षित 29 सीटों में से 11 सीट पर परचम फहराने वाली भाजपा 2018 में महज तीन सीटों पर सिमट गयी थी. जबकि एसी की 10 सीटों में से उसके हिस्से में महज दो सीट आयी थी. और इसके साथ ही कांग्रेस ने रमन सिंह की सरकार को विदा कर दिया था.   इन आंकड़ों से साफ होता है कि छत्तीसगढ़ में सत्ता की चाबी आदिवासी और दलित मतदाताओं के हाथ में है. और यदि कांग्रेस को सत्ता में वापसी करनी है तो उसे दलित-आदिवासी मतदाताओं को हर कीमत पर अपने साथ खड़ा रखना होगा, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इन आदिवासी और दलित मतदाताओं के बीच कांग्रेस का चेहरा कौन होगा. किसके चेहरे के बूते पर वह इन मतदाताओं से एक बार फिर से कांग्रेस पर विश्वास करने का भरोसा दिलायेगी. यहीं आकर कांग्रेस के सामने बड़ा सवाल खड़ा हो जाता है.

क्या कांग्रेस में हेमंत को लेकर लेकर कोई परेशानी है

जानकारों का मानना है कि यदि कांग्रेस समय रहते छत्तीसगढ़ के सियासी संग्राम में हेमंत को उतारती है, उनकी रैलियां करवाती है, खास कर आदिवासी दलित-मतदाताओं के बीच चुनावी प्रचार करवाती है, तो कांग्रेस को एक बड़ा लाभ मिल सकता है. यहां याद रखने की बात यह है कि पांचवी अनुसूची के इलाके से हेमंत सोरेन एक मात्र आदिवासी सीएम हैं, और वह बार-बार इस बात को दुहराते रहे हैं कि भाजपा उनके चेहरे को सिर्फ इसलिए पचा नहीं पा रही है, क्योंकि उसे हमारा आदिवासी चेहरा पसंद नहीं है. लेकिन आश्चर्यजनक रुप से अब तक सीएम हेमंत का उपयोग कांग्रेस की ओर से किसी भी राज्य में नहीं किया जा रहा है, जबकि झारखंड में झामुमो के साथ उसकी सरकार है. आखिरकार हेमंत के चेहरे के कांग्रेस की दूरी का राज क्या है. वह क्यों आदिवासी बहुल इस राज्य में हेमंत के चेहरे को उतारने से बचना चाह रही है.

दूसरे फेज के चुनाव प्रचार में किया जा सकता है हेमंत के चेहरे का उपयोग

हालांकि कई जानकारों का दावा है कि अभी वक्त है, बहुत संभव है कि 17 नवम्बर के बाद दूसरे फेज होने वाले चुनाव के ठीक पहले हेमंत को सियासी अखाड़े में उतारा जा सकता है. यहां यह जानना भी जरुरी है कि अलग अलग दलों में रहने के बावजूद भी भूपेश बघेल और हेमंत सोरेन के बीच का रिश्ता काफी बेहतर है. और दोनों एक दूसरे को काफी सम्मान देते नजर आते हैं. जहां वर्ष 2021 में रायपुर से राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में भूपेश बघेल ने इसका उद्धाटन हेमंत सोरेन के हाथों करवाया था, वहीं वर्ष 2022 में हेमंत सोरेन ने राजधानी रांची में आयोजित जनजातीय महोत्सव में भूपेश बघेल को अपना मुख्य अतिथि बनाया था. देखना होगा कि यह दोस्ती सिर्फ महोत्सवों तक ही सीमित रहती है या इसका सियासी इस्तेमाल भी किया जाता है.

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Published at:04 Nov 2023 04:41 PM (IST)
Tags:CM Hemant's entry in the political arena of ChhattisgarhChhattisgarh Legislative Assembly Electionschhattisgarh election 2023assembly elections 2023chhattisgarh electionsassembly election 2023chhattisgarh assembly elections 2023chhattisgarh assembly election 2023assembly electionschhattisgarhchhattisgarh assembly electionschhattisgarh assembly electionchhattisgarh elections 2023chhattisgarh electiontelangana assembly elections 20232023 assembly electionchhattisgarh newsassembly election results 2018chhattisgarh election newscm hemant sorenjharkhand cm hemant sorenhemant sorencm hemant soren newsjharkand cm hemant sorenhemant soren cmhemant soren newscm hemant newscm hemantjharkhand hemant sorencm hemant soren livehemant soren jharkhandhemant soren jharkhand cmjharkhand hemant soren newshemant soren today newshemant soren jharkhand newsed summons hemant sorenhemant soren livehemant soren latest newsjharkhand cmjharkhand new cm hemant soren
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