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बाहरी है बन्ना, मंत्री बनाना मूलवासियों की हकमारी, “खांटी झारखंडी” अम्बा को आगे करे महागठबंधन, अब योगेन्द्र साव ने छेड़ा बाहरी-भीतरी का राग

बाहरी है बन्ना, मंत्री बनाना मूलवासियों की हकमारी, “खांटी झारखंडी” अम्बा को आगे करे महागठबंधन, अब योगेन्द्र साव ने छेड़ा बाहरी-भीतरी का राग

Ranchi- कांग्रेस में जारी घमासान के बीच अब बड़कागांव के पूर्व विधायक और झारखंड के पूर्व कृषि मंत्री रहे योगेन्द्र साव ने एक बार फिर से बाहरी भीतरी का राग छेड़ दिया है. कांग्रेस की नीतियों पर निशाना साधते हुए योगेन्द्र साव ने कहा है कि झारखंड कांग्रेस किस रास्ते जा रही है, और कौन इसके फैसले ले रहा है, कुछ पता नहीं, जहां राहुल गांधी पिछड़ों की हिस्सेदारी भागीदारी के सवाल को 2024 के लोकसभा का सबसे बड़ा सियासी मुद्दा बनाने  का प्रयास कर रहे हैं, वहीं उनकी इस कोशिश को झारखंड में हवा निकाली जा रही है. आखिर झारखंड कांग्रेस पिछड़ों का सम्मान करना कब सिखेगी. झारखंड की इस सरजमीन पर पिछड़ों को उसका हिस्सा कब दिया जायेगा, उनकी हिस्सेदारी-भागीदारी को कैसे सुनिश्चित किया जायेगा. इस मुद्दे पर आज झारखंड कांग्रेस में कोई भी बात करने को तैयार नहीं है.

झारखंड-छत्तीसगढ़ में तेली जाति की एक बड़ी आबादी

योगेन्द्र साव ने कहा कि झारखंड से लेकर पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ तक तेली जाति एक मजबूत पिछड़ी जाति है. इसकी आबादी भी दूसरी पिछड़ी जातियों की तुलना में काफी ज्यादा है, बावजूद इसके खांटी झारखंडी अम्बा प्रसाद को मंत्री नहीं बनाकर यूपी के हलवाई बन्ना गुप्ता को मंत्री बनाया जा रहा है. क्या इसी रास्ते पर आगे जाकर झारखंड कांग्रेस पूर्व सीएम हेमंत के आदिवासी-मूलवासी राजनीति को मजबूती प्रदान करने की कोशिश करेंगी, या उसकी मंशा पूर्व सीएम हेमंत इस सपने में मट्ठा डालने की है, आखिर झारखंड कांग्रेस के पास इस सवाल का क्या जवाब है कि अम्बा प्रसाद जैसा खांटी झारखंडी रहने के बावजूद मथुरा का हलवाई बन्ना गुप्ता के सिर पर मंत्री पद की ताजपोशी की जा रही है. सच्चाई है कि आज झारखंड में तेली जाति का एक बड़ा हिस्सा भाजपा के साथ खड़ा है, क्योंकि उसके पास झारखंड में कोई अपना चेहरा नहीं है, अम्बा वह चेहरा हो सकती थी, अम्बा को आगे कर तेली जाति को भाजपा से दूर किया जा सकता था, लेकिन झारखंड कांग्रेस के रणनीतिकार पत्ता नहीं किस दिशा में पार्टी को ले जाने की तैयारी कर रहे है.

बड़कागांव विधायक अम्बा प्रसाद के पिता है योगेन्द्र साव

यहां याद रहे कि योगेन्द्र साव की बड़कागांव विधायक अम्बा प्रसाद के पिता है, अम्बा प्रसाद भी अभी नाराज विधायकों के साथ दिल्ली में डेला डाले हैं, इधर उनके पिता योगेन्द्र साव राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को निशाने पर ले रहे हैं, यह सवाल खड़े कर रहे हैं हलवाई की जाति की तुलना में झारखंड में तेली जाति की आबादी कई गुणा ज्यादा है, बावजूद इसके आज हेमंत मंत्रिमंडल से लेकर चंपाई मंत्रिमंडल में किसी भी तेली को स्थान नहीं दिया गया और जिस बन्ना की ताजपोशी वैश्य जाति को प्रतिनिधित्व दिये जाने का दावा किया जाता है, उसका झारखंड की इस मिट्टी से कोई रिश्ता नहीं है, वह तो मथुरा का रहने वाला है, फिर एक बाहरी व्यक्ति को झारखंड में वैश्य जाति का नेता कैसे स्वीकार किया जा सकता है.

नहीं बूझती दिख रही है कांग्रेस की आग

दो फरवरी को झारखंड के 12 वें मुख्यमंत्री के रुप में अपनी ताजपोशी और 16 फरवरी को मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भी सीएम चंपाई सोरेन की सियासी मुसीबत कम होती नजर नहीं आ रही. एक तरफ उनकी ही पार्टी में असंतोष के स्वर फूट रहे हैं, मंत्रीपद की सूची से अंतिम वक्त पर अपनी विदाई से आहत बैधनाथ राम इस आदिवासी बहुल राज्य में दलितों की अस्मिता और उसकी हिस्सेदारी-भागीदारी का एक नया विमर्श खड़ा कर रहे हैं, तो दूसरी ओर दिशोम गुरु के संघर्ष का हिस्सा रहे बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रम संकट की इस खड़ी में झामुमो को बॉय-बॉय कर एक नया सियासी दल खड़ा करने की हुंकार भर रहे हैं. जबकि दूसरी ओर कांग्रेस के अंदर की आग भी अभी बूझती नजर नहीं आती, करीबन 11 की संख्या में नाराज विधायक रांची से दिल्ली तक हिचकोले खा रहे हैं, जिन विधायकों के उपर अपने-अपने इलाके की जन समस्यायें और अपने आवाम का दुख-दर्द विधान सभा में उठाने की जिम्मेवारी थी, आज वे आवाम के दर्द का इलाज खोजने के बजाय अपने अपने दर्द के उपचार खोजते हुए दिल्ली में कैम्प कर रहे हैं. कभी कांग्रेस कोटे से बनाये गये मंत्रियों से अपनी अनदेखी करने की शिकायत की जाती है, इस बात का दावा किया जाता है कि पार्टी कोटे से बनाये गये मंत्री उनका फोन नहीं उठाते हैं. कांग्रेस कोटे से बनाये गये मंत्रियों की हालत यह है कि वे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के बजाय झामुमो कार्यकर्ताओं के हुक्म-फरमान को विशेष तवज्जो देते नजर आते हैं.

चार कुर्सी-12 दीवाने, कैसे पूरी होगी मंशा?

हालांकि दबे स्वर ही चर्चा इस बात की भी है कि मंत्रियों के द्वारा अनदेखी का आरोप तो महज बहाना है, दरअसल हर विधायक की महत्वाकांक्षा मंत्री बनने की है, लेकिन नाराज विधायकों की मुश्किल यह है कि इसमें कोई भी किसी और के लिए  राह छोड़ने को तैयार नहीं है. दावा तो यह भी किया जाता है कि एक बार आलाकमान ने इनकी जिद के झुकते हुए पुराने मंत्रियों को रुखस्त करना भी स्वीकार कर लिया था, लेकिन उनकी विदाई के बाद वह चार चेहरे कौन होंगे? जिनको मंत्रीपद से नवाजा जायेगा, इसका फैसला इन्ही नाराज विधायकों के कंधों पर डाल दिया, लेकिन काफी मशक्कत के बाद भी ये 11 विधायक अपने बीच से 4 चेहरे को सामने नहीं ला सके और इस प्रकार इन सब की सियासी महत्वाकांक्षा पर एक साथ विराम लग गया और अब खबर यह है कि कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल ने इन नाराज विधायकों को उनकी सारी शिकायतों को दूर करने का आश्वासन थमा दिया है, और अब उसी आश्वासन की पोटली थाम ये सारे विधायक एक बार फिर से रांची लौट रहे हैं. खबर है कि आज शाम ये सारे विधायक रांची लैंड कर सकते हैं.

क्या खत्म हो गई है कि मंत्री पद की चाहत?

खबर यह भी है कि विधान सभा सत्र से पहले 22 फरवरी को सत्तारुढ़ गठबंधन की बैठक में इन विधायकों के साथ ही वेणुगोपाल भी हिस्सा लें, इसके साथ ही सरकार और संगठन में समन्वय को और भी कैसे धारदार बनाया जाय, इसकी भी समीझा करेंगे. लेकिन मुख्य सवाल यह है कि इन नाराज विधायकों को कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल ने जिस अनुशासन और जनसरोकारता की घुट्टी पिलायी है, उसका असर इन विधायकों पर कितने समय के लिए होगा? या फिर यह सारा “उपदेश” राजधानी रांची लैंड करते ही हवा हवाई साबित होगा और बजट सत्र के दौरान एक और सियासी भूचाल की झलक देखने को मिलेगी.

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Published at:21 Feb 2024 02:42 PM (IST)
Tags:Banna is an outsiderFormer Minister Yogendra Sao called Minister Banna an outsiderFormer minister Yogendra Sao raised demand to make his daughter Amba Prasad a ministerAngry Congress MLAs got support from former minister Yogendra SaoIf a non-Jharkhandi becomes a minister then why is Amba not given the ministerial crownjharkhand politicsjharkhand newsjharkhand cmjharkhand political crisisjharkhand cm hemant sorenjharkhandjharkhand political newsjharkhand new cmjharkhand news todayjharkhand hemant sorenhemant soren jharkhandjharkhand latest newspolitical crisis jharkhandjharkhand hemant soren newsjharkhand mukti morchajharkhand chief ministerhemant soren jharkhand newsBarkagaon MLA Amba Prasadogendra Sao is the father of Barkagaon MLA Amba PrasadBanna Gupta belongs to the Halwai caste of Uttar PradeshMaking Banna Gupta a minister is a betrayal of the oil caste
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