☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. Big Stories

खूंटी के अखाड़े में भाजपा के सामने एक चायवाली की चुनौती! जल, जंगल और जमीन के संघर्ष का प्रतीक आदिवासी पत्रकार दयामणि बारला ने थामा पंजा

खूंटी के अखाड़े में भाजपा के सामने एक चायवाली की चुनौती! जल, जंगल और जमीन के संघर्ष का प्रतीक आदिवासी पत्रकार दयामणि बारला ने थामा पंजा

Ranchi-अपनी प्रारम्भिक शिक्षा के दौरान खेतिहर मजदूर और माध्यमिक शिक्षा का भार उठाने के लिए राजधानी रांची में नौकरानी काम, तो कभी पत्रकारिता की शिक्षा के दौरान ठिकाने की खोज में रेलवे स्टेशन पर रात गुजारने वाली आदिवासी पत्रकार दयामणि बारला ने आज झारखंड प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर की उपस्थिति में कांग्रेस का दामन थाम लिया. झारखंड में जल, जंगल, जमीन की लूट और विस्थापन के खिलाफ पिछले तीस वर्षों से संघर्ष का प्रतीक बन कर उभरी दयामणि बारला को उनके चाहने वालों के बीच दीदी उपनाम से भी पुकारा जाता है. बारला का जीवन संघर्ष आदिवासी-मूलवासी समाज के उन तमाम युवाओं के लिए एक सबक है, जो जिंदगी के झंझावतों के आगे घूटने टेक देते हैं. एक बेहद गरीब मुंडा जनजाति परिवार में जन्मे दयामणि बारला ने जीवन का हर रंग झेला, और आज भी वह कल्ब रोड पर अपनी छोटी सी चाय की दुकान चलाती है, कहा जा सकता है कि यह चाय की दुकान से ज्यादा झारखंड में विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर संघर्ष कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं का खुला कार्यालय भी है. जहां हर दिन देश और राज्य की सियासत पर गरमा गरमा बहस होती है.

देश में अघोषित तानाशाही, खतरे में हमारा संविधान

कांग्रेस में अपनी इंट्री को आगामी संघर्ष का एक और दौर की शुरुआत बताते हुए दयामणि बारला ने कहा कि हमने कांग्रेस का वह दौर भी देखा, जब पूरे देश में पंजा का जलबा चलता था, और उस दौर में भी हम जल जंगल और जमीन के सवाल पर सड़क पर संघर्षरत थें, लेकिन हमें कभी जेल में ठूंसा नहीं गया, कभी हमारी जुबान पर ताला लगाने की कोशिश नहीं हुई, यदि आपात्तकाल के उस क्षणिक दौर को छोड़ दिया जाय तो कभी भी जमीन पर संघर्ष को देशद्रोह का प्रतीक नहीं माना गया, लेकिन आज पूरे देश में अघोषित आपातकाल है, देश की सारी संस्थायें सत्ता की मुठ्ठी में कैद हैं, बगैर भाजपा के संकेत किसी भी केन्द्रीय संस्था में एक पत्ता नहीं हिलता, लगता है कि इस दौर के निजाम की सफलता का एक ही मंत्र है पूरे देश की जुबान पर ताला लगाना, भाजपा की इसी तानाशाही और संविधानिक संस्थाओँ पर हमले के प्रतिकार के रुप में हमने बदले हालात में कांग्रेस का साथ देना स्वीकार किया है.

खूंटी के दंगल में उतरने की चर्चा

हालांकि खबर यह भी है कि दयामणि बारला को इस बार खूंटी से लोकसभा का प्रत्याशी बनाया जा सकता है. इसके पहले ही भी दयामणि बारला ने सियासत में इंट्री की कोशिश की थी, लेकिन तब सफलता हाथ नहीं लगी थी, आम आदमी के बैनर तले बारला को चुनावी हार का सामना करना पड़ा था. अब देखना होगा कि इस बार खूंटी के अखाड़े में झारखंड की इस आयरन लेडी का क्या हस्श्र होता है. वैसे खुद दयामणि बारला खूंटी से चुनाव लड़ने की खबर की पुष्टि नहीं करती, लेकिन वह इस खबर से इंकार भी नहीं कर रही है, उनका कहना है कि आगे का सारा फैसला पार्टी नेतृत्व के हाथ में हैं, जो भी आदेश होगा, पार्टी की जो भी रणनीति होगी वह उसे पूरा करने का दायित्व निभायेंगी. इस हालत में यह देखना दिलचस्प होगा कि एक चायवाली खूंटी के अखाड़े में भाजपा के सामने कितनी बड़ी चुनौती बन कर सामने आती है, और खास कर उस हालत में जब इस सीट से केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा का एक और बार मैदान में उतरने की चर्चा है. 

आप इसे भी पढ़ सकते हैं-

झारखंड की जनता की गारंटी, मधु को चाट-चाट लोकसभा की एक सीट भी नहीं आयेगी हाथ!  झामुमो ने समझाया भाजपा मतलब “भरपूर जीयो पूंजिपतियों

भाजपा का बढ़ता कारवां, अब विधायक भरत बिंद ने भी थामा कमल, इधर संगीता कुमारी के पाला बदल पर झलका पिता का दर्द

कोल्हान की गीता के बाद अब संथाल की सीता पर बाबूलाल की टेढ़ी नजर! कांग्रेस के बाद अब जेएमएम पर व्रजपात की तैयारी

तेजस्वी की रैली में नीतीश! सियासत के इस गब्बर को बॉय-बॉय कर खुद अपना सीएम बनाने से महज चंद कदम दूर खड़ी भाजपा

गरीब का काम करोगे तो वाह, नहीं करोगे तो आह, लोबिन का दावा डैम और खनन से उजड़ती झारखंडियों की जिंदगी, कौन खा रहा हमारे कोयले और खनन की रॉयल्टी

झारखंड में शेख भिखारी के नाम पर होगी उर्दू विश्वविद्यालय की स्थापना, विधायक प्रदीप यादव की मांग पर सरकार ने जतायी सहमति

Published at:01 Mar 2024 07:19 PM (IST)
Tags:A chaiwala's challenge to BJP in Khunti AkharaTribal journalist Dayamani Barlakhuntilok sabha electionskhunti lok sabhakhunti newslok sabha electionlok sabha election 2024khunti loksabha seatkhunti lok sabha seatkhunti lok sabha chunavkhunti vidhan sabhaarjun munda khunti lok sabhakhunti lok sabha constituencylok sabhakhunti jharkhandkhunti loksabhakhunti electionlok sabha elections 2024lok sabha election phase 5Dayamani Barla will be Congress candidate from Khunti Lok SabhaTribal journalist Dayamani joins CongressTribal journalist Dayamani now with CongressDayamani Barla's entry into politics after Jaljungle struggle
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.