Tnp desk:-बिहार में शराबबंदी लागू है, लेकिन चोरी-छुपे शराब बेची जा रही है. लोग होम डिलिवरी करवाकर शराब गटक रहे हैं. इस पर देखा जाए तो लगाम पूरी तरह नहीं लगा हुआ है. 2016 में नीतीश सरकार ने बिहार में शराब की बिक्री पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी थी. तस्करी और कानून की धज्जियां तो उड़ाई जा रही है. लेकिन, सोचने वाली और चौकाने वाली बात ये है कि कानून की रखवाले पुलिस भी खुद इस पर लगाम लगाने में संकोच कर खुद धंधा करने में जुटी हुई है.
थानेदार-जमादार बर्खास्त
बिहार के वैशाली जिले में ऐसा ही मामला प्रकाश में आया, जब सराय थाना के पुलिसकर्मियों ने थाने में रखी जब्त शराब नष्ट करने की जगह तस्करों को बेच डाला. तिरहुत रेंज के आईजी ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की. उन्होंने सराय थाना के तत्कालीन थानेदार विदुर कुमार और मलखान प्रभारी मुनेश्वर कुमार को बर्खास्त कर दिया. वही वैशाली एसपी ने भई जिला बल के सिपाही सुरेश कुमार को सस्पेंड किया है. इधर वैशाली के पुलिस अधीक्षक ने भी जिला बल के सिपाही सुरेश कुमार बर्खास्त कर दिया है.
थाने से धंधेबाजों को बेची ज रही थी शराब
आईजी ने इस संबंध में बताया कि मद्य निषेध टीम को 17 सितंबर 2023 को सूचना मिली थी कि जब्त शराब को थाना से ही इसके धंधेबाजों को बेची जा रही है. इसकी सूचना के बाद थाने में छापेमारी की गई, इस दौरान देखा गया कि जब्त शराब को मालखाना से पिकअप वैन में लादा जा रहा है. इसके बाद सराय थाना के दारोगा पुष्पराज शर्मा के बयान पर तत्कालीन थानेदार विदुर कुमार, मालखाना प्रभारी मुनेश्वर कुमार, संतरी ड्यूटी में तैनात सिपाही सुरेश कुमार और थाना में मौजूद चौकीदार परमेश्वर राम को गिरफ्तार किया गया था. विभागीय कार्यवाही के तहत जेल में ही तत्कालीन थानेदार और मालखाना प्रभारी से पूछताछ की गयी. दोषी पाये जाने पर बर्खास्त किया गया. आईजी के बताया कि दो कांडों में 3728 लीटर शराब जब्त की गयी थी. इसके बाद इसको थाना के मालखाना में रखा गया था. जिसे 16 सितंबर को ही नष्ट करना था. लेकिन पुलिसकर्मियों ने 2782.590 लीटर शराब को सिर्फ नष्ट किया और बाकी बचे शराब को धंधेबाजों को बेच डाली.
4+