पुलिस एनकाउंटर में मारा गया गैंगस्टर अमन साहू कौन है? जानिए 27 साल की उम्र में कैसे बन गया था गैंगस्टर

टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : झारखंड पुलिस के नाक में दम करने वाला गैंगस्टर अमन साहू मुठभेड़ में मारा गया. छत्तीसगढ़ से पुलिस अमन को लेकर रांची आ रही थी. इसी बीच पलामू में चैनपुर थाना क्षेत्र में अमन की गाड़ी पर बम से हमला किया गया. इस दौरान गाड़ी दुर्घटना की शिकार हो गई. और इस बीच ही अमन साहू भागने की कोशिश करने लगा. हथियार छिन कर फायरिंग कर दी. जिसमें एक जवान भी घायल हुआ है. इस बीच पुलिस जवानों ने जवाबी कार्रवाई की और गाड़ी से निकल कर भाग रहे अमन पर फायरिंग की गई. जिसमें अमन की मौके पर मौत हो गई. ऐसे में अब जान लेते है कि आखिर अमन साहू कौन था,कैसे झारखंड पुलिस के लिए चुनौती बन गया और लोरेंस के साथ क्या कनेक्शन था.
अमन साहू के गैंगस्टर बनने के शुरुआत में लेकर चलते हैं. अमन रांची से सटे ठकुरगांव के मतबे का रहने वाला है. गांव के लोग बताते है कि अमन एक सीधा साधा लड़का था कभी किसी से झगड़ा लड़ाई नहीं करता था लेकिन मैट्रिक में जब वह पढ़ता था तब किसी केस में पहली बार जेल गया. जेल में करीब 10 महीने रहने के बाद उसने आगे की पढ़ाई को पूरा की. अच्छे नम्बर से इंटर करने के बाद डिप्लोमा किया. इस दौरान उसने एक मोबाइल दुकान खोला. उसकी मुलाकात कई अपराधियों से हुई. जिसके बाद से उसका कुनबा बढ़ने लगा. इसके बाद उसने हत्या की वारदात को अंजाम देना शुरू किया. धीरे-धीरे इसका आतंक पूरे झारखंड में फैला और यह अपने साथ पढ़े लिखे हाई टेक युवाओं को पैसे का लालच देकर जोड़ता चला गया. अमन साहू को पहली बार पुलिस ने 2019 में गिरफ्तार किया था, लेकिन वह पुलिस गिरफ्त से किसी तरह भाग गया. दुबारा अमन तीन साल बाद 2022 में पुलिस की गिरफ्त में आया.
दरअसल अमन साहू गैंग पिछले 15 सालों से झारखंड के कोयला कारोबारियों के नाक में दम कर रखा है. डॉन अमन साहू ने 17 साल के उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रखा. किसी को नहीं मालूम था कि एक छोटे से गांव का पढ़ने वाला लड़का एक दिन झारखंड का बड़ा गैंगस्टर बन जाएगा. आज अमन साहू अपराध की दुनिया का एक बड़ा नाम बन गया था. अमन साहू गैंग झारखंड के पलामू,चतरा, लातेहार, रांची, रामगढ़, बोकारो, गिरिडीह, धनबाद सहित कई जिलों के कारोबारी और ठेकेदारों के नाक में दम कर रखा था. अमन साहू के नाम पर कोयला कारोबारी समेत अन्य करोबार से जुड़े लोगों से रंगदारी की मांग फोन पर की जाती है, और फिर पैसे नहीं देने पर खुलेआम गोली मार दी जाती थी.
अमन साहू जेल में रहने के बावजूद अपने अपराध के नेटवर्क को चला रहा था. जब 2022 में गिरिडीह जेल में अमन बंद था तो उसने जेलर प्रमोद कुमार को मारने के लिए जेल में ही बंद दो बदमाशों को सुपारी दी थी. अमन ने पहले दोनों बदमाशों के बाहर जाने के लिए बेल का इंतजाम कराया. जैसे ही बेल मिली रणनीति के तहत दोनों युवकों ने जेलर पर गोली चला दी थी. हालांकि इस वारदात में वह बाल-बाल बच गए थे. अब फिर से अमन गिरिडीह के जेल में शिफ्ट किया गया है. पलामू से गिरिडीह शिफ्ट करने के पीछे सुरक्षा का हवाला दिया गया है.
पलामू सेंट्रल जेल में रहते हुए अमन के इशारे पर गैंग के गुर्गों ने जमकर बवाल मचाया है. कई कंपनी पर गोलीबारी की गई. कारोबारियों से रंगदारी वसूली गई. जब पलामू में अमन का आतंक बढ़ रहा था इसके खिलाफ थाना में मामला दर्ज हुए तो पुलिस ने रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू. इस पूछताछ में पलामू पुलिस को अमन ने बताया था कि वह शौक से अपराध की दुनिया में आया है. वह एक बड़ा डॉन बनना चाहता है. देश में सबसे अधिक केस इसपर हो यह चाहता है. जिससे देश और विदेश के लोग इसको जाने. अमन का गैंग अब काफी बड़ा हो चुका है. इस गैंग का लिंक लॉरेंस से भी जुड़ा था.
रिपोर्ट-समीर
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